सेहतमंद शरीर के लिए जरूरी हैं कि आपकी दिनचर्या भी स्वस्थ और व्यवस्थित हो। इस दिनचर्या में अच्छे खानपान के साथ ही व्यायाम और योग को शामिल क्क्य जाना चाहिए। अब बात आती हैं कि कौन-कौनसे योग का नियमित अभ्यास किया जाए ताकि शरीर को स्वस्थ बनाया जा सके। ऐसे में आपके लिए सूर्यनमस्कार सर्वश्रेष्ठ योग हैं जो 12 योगासनों को मिलाकर बनाया गया है। इसेक हर आसन का अपना अलग महत्व हैं। रोजाना इस योग को करने से शरीर, श्वास और चेतना के बीच गहरा संबंध बनाते हुए शक्ति को बढ़ावा दिया जा सकता है। आज इस कड़ी में हम आपको सूर्य नमस्कार से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइये जानते है...
शरीर को करता है डिटॉक्ससूर्य नमस्कार आपको सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को कुशल बनाए रखने में मदद करता है, जिससे फेफड़े ठीक से हवादार हो जाते हैं और ब्लड को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रहने के लिए ताजा ऑक्सीजन मिलती है। यह कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य जहरीली गैसों से छुटकारा पाकर शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है।
पीरियड्स में करता है मददसूर्य नमस्कार पीरियड्स के बेहतर नियमन में भी मदद करता है। पेट की मसल्स को मजबूत बनाने और पीरियड्स के कम दर्दनाक अनुभव के लिए हर रोज आसन करें।
पेट की चर्बी घटती है जो लोग दिन- रात गूगल पर केवल अपने पेट की चर्बी कम करने की तरकीबें ढूंढते रहते हैं, उनके लिए एक खुशखबरी है। आज ही सूर्य नमस्कार को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बना लें, आप पाएंगे कि कुछ दिन में ही आप अपने ही सपनों के राजकुमार या राजकुमारी से भी फिट दिखने लगेंगे।
अनिद्रा से बचाएंसूर्य नमस्कार आपके सोने के तरीके को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है। यह आपके दिमाग को शांत करने में मदद करता है, जिससे आपको रात में बेहतर और अधिक शांतिपूर्ण नींद मिलती है। इसका मतलब है कि आप आखिरकार उन नींद की गोलियों को हमेशा के लिए अलविदा कह सकते हैं।
तनाव को रखता है दूर सूर्य नमस्कार न केवल हमें शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रखता है बल्कि मानसिक रूप से भी चिंतामुक्त और तनावमुक्त बनाए रखता है। सूर्य नमस्कार के 12 आसन हमें दिन भर तारो ताज़ा अनुभव करने में हमारी मदद करते हैं।
ब्लड शुगर लेवल करता है कमसूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रणमें रखने में मदद करता है। यह कई हृदय रोगों को दूर रखने में भी मदद करता है।
बेहतर डाइजेस्टिव सिस्टमसूर्य नमस्कार आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। यह आपके डाइजेस्टिव सिस्टम में ब्लड के फ्लो को बढ़ाता है, जिससे आपकी आंतों की बेहतर कार्यप्रणाली सुनिश्चित होती है। आगे की मुद्रा विशेष रूप से खींचकर पेट की जगह को अंदर से बढ़ाने में मदद करती है, इस प्रकार आपके सिस्टम से फंसी हुई गैस को बाहर निकालने में मदद करती है।
शरीर में आता है लचीलापनसूर्य नमस्कार 12 आसनों का एक व्यायाम है। अलग-अलग आसन, शरीर के अलग-अलग अंगों पर अपना प्रभाव डालते हैं। जब हम एक आसन से दूसरे आसन में जाते हैं तो व्यायाम की निरंतरता बनी रहती है और हमारे शरीर के सभी अंगों में लचीलापन और दृढ़ता आती है। अगर आप प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करते हैं तो आप पायेंगे कि आपके शरीर में अकड़न नहीं रहती और आप अपने आपको अधिक लचीला अनुभव करते हैं।
सूर्य नमस्कार करने का तरीकासूर्य नमस्कार 12 योगासनों का संयुक्त समूह है। सभी के अभ्यास की विधि अलग-अलग है, अपनी सेहत के अनुसार अभ्यास के चयन के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें। प्रणाम आसन, हस्तउत्तानासन, हस्तपाद आसन, अश्व संचालन आसन, दंडासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, पर्वतासन, अश्वसंचालन आसन, हस्तपाद आसन, हस्तउत्थान आसन और ताड़ासन अभ्यास को सूर्यनमस्कार के आसनों में किया जाता है।