सस्ती स्टेरॉयड दवाइयां बचा सकती हैं कोरोना के गंभीर मरीजों की जान!

दुनियाभर में कोरोनावायरस ने कोहराम मचा रखा हैं। संक्रमितों का आंकड़ा थमने का नाम ही नहीं ले रहा हैं। अब तक दुनियाभर में करीब 2.60 लाख लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं जबकि 8 लाख से भी कई अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में लगातार इससे रिसर्च जारी हैं ताकि वैक्सीन या दवाई की मदद से मौतों को रोका जा सकें। ऐसे में हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई हैं जिसके अनुसार सस्ती स्टेरॉयड दवाइयां, कोरोना के गंभीर मरीजों की जान बचाने में कारगर साबित हो सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने भी इस संबंध में एक नई एडवाइजरी जारी की है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि स्टेरॉयड दवाइयों का इस्तेमाल सिर्फ गंभीर रूप से कोरोना संक्रमितों पर किया जा सकता है। शुरुआती लक्षण वाले मरीजों पर इसका इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है। वहीं, जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के प्रधान संपादक हावर्ड सी बाउचर का भी कहना है कि कोरोना से गंभीर रूप से जूझ रहे मरीजों के लिए स्टेरॉयड दवाइयां मददगार हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, अलग-अलग जगहों पर करीब 1700 कोरोना संक्रमित मरीजों पर स्टेरॉयड की दवा के तीन तरह के ट्रायल किए गए हैं, जिसमें यह देखने को मिला है कि स्टेरॉयड दवाइयों के इस्तेमाल से कोरोना मरीजों की मौत का खतरा काफी हद तक कम हुआ है। दरअसल, डेक्सामेथासोन, हाइड्रोकार्टिसोन और मिथाइलप्रेडिसोलोन जैसी स्टेरॉयड दवाएं अक्सर मरीजों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बढ़ाने, सूजन और दर्द को कम करने के लिए दी जाती हैं।

स्टेरॉयड एक प्रकार का रासायनिक पदार्थ होता है जो इंसान के शरीर के अंदर ही बनता है। स्टेरॉयड को एक ऐसी दवा के रूप में भी जाना जाता है। इसे मांसपेशियों के विकास में कारगर बताया जाता है। अक्सर आपने सुना होगा कि कई खिलाड़ी इसका इस्तेमाल करते हैं, लेकिन किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से पहले इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित है। लंबे समय तक स्टेरॉयड का इस्तेमाल गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। इसके इस्तेमाल से लोगों में खांसी और जुकाम जैसी बीमारियां होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। कभी-कभी यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसलिए बेहतर है कि बिना डॉक्टर की सलाह के आप इसका इस्तेमाल न करें।