टेबल-कुर्सी पर नहीं, जमीन पर बैठकर खाएं खाना, रहेंगे तंदुरुस्त

हमारी परम्पराए हमारे स्वास्थ्य से जुडी होती है। इन्ही परम्पराओ में से है जमीन पर बैठकर खाना, खाना जमीन पर बैठकर खाना खाने के लिए हमारे बड़े बुजुर्ग आज भी बोला करते है, वही दूसरी और वह खुद भी आज भी जमीन पर बैठकर ही खाना खाते है। जब भी हम जमीन पर बैठकर खाते हैं तब हम सुखासन की स्थिति में होते हैं,यह पद्मासन का ही एक प्रकार है जो हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत फायदेमंद है। वैसे भी बारिश के मौसम में जमीन पर बैठकर खाना खाने के अपने अलग ही मजे है। तो आइये जानते है इससे होने वाले फायदों के बारे में....

* बैठकर खाने से पाचन क्रिया ठीक रहती है और खाना अच्‍छे से पचता है। जब आप खाने के लिए आगे झुकते हैं तो पेट की मांसपेशियां आगे पीछे होने से सक्रिय रहती हैं। यह आपके पेट में एसिड को बढ़ाता है और भोजन को आसानी से पचाता है।

* जमीन पर बैठकर खाते हैं तो आपका वजन नियंत्रण में रहता है। दरअसल जब आप सुखासन में बैठते हैं, तो आपका दिमाग अपने आप शांत हो जाता है। वह बेहतर ढंग से भोजन पर ध्यान केंद्रित कर पाता है। बैठकर खाने से पेट और दिमाग को सही समय पर एहसास हो जाता है कि आपने भरपूर खा लिया है, इससे आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं।

*जमीन पर बैठकर खाने से शरीर लचीला बनता है। जब आप पद्मासन में बैठते हैं, तो आपकी श्रोणि, निचली पीठ, पेट के आसपास और पेट की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। जिसके कारण पाचन तंत्र आराम से अपना काम कर पाता है।

*जब भी आप जमीन पर बैठ कर खाते हैं तो आपका ध्यान खाने में रहता है। यह केवल आपके ध्यान को ही खाने पर केंद्रित नहीं करता बल्कि खाना खाते समय बेहतर विकल्प को चुननें में भी मदद करता है, क्योंकि इस मुद्रा में आपका मन बहुत शांत और आपका शरीर पोषण को स्वीकारने के लिए तैयार होता है।
*जमीन पर बैठकर खाने का फायदा है कि आप समय से पहले बूढ़े नहीं होते हैं। क्योंकि इस मुद्रा में बैठकर खाना खाने से रीढ़ की हड्डी और पीठ से जुड़ी समस्याएं नहीं होती है। साथ ही, जो लोग कंधों को पीछे धकेलते हुए गलत मुद्रा में बैठने के कारण किसी तरह के दर्द से परेशान होते हैं।