हार्ट अटैक को वृद्ध और अमीरों की बीमारी माना जाता हैं क्योंकि ज्यादातर हार्ट अटैक की शिकायत इसी वर्ग को होती हैं। लेकिन वर्तमान समय की खराब जीवनशैली और खानपान के चलते हार्ट अटैक की यह बीमारी हर किसी व्यक्ति को अपना शिकार बनाने लगी हैं। कहा जाता है कि हार्ट अटैक अचानक से किसी व्यक्ति को आता है जिसके बारे में कोई जान नहीं पाता। लेकिन ऐसा नहीं हैं क्योंकि हार्ट अटैक आने से पहले उसके संकेत मिलने शुरू हो जाते हैं। आज हम आपको हार्ट अटैक आने से पहले के वो संकेत बताने जा रहे हैं ताकि आप इनको जान सकें और कभी ऐसी समस्या का सामना हो तो आप पहले से सतर्क हो सकें। तो आइये जानते हैं हार्ट अटैक आने से पहले मिलने वाले संकेतों के बारे में।
* कमज़ोरी महसूस होना अगर आपको कमज़ोरी लग रही है, जबड़े में दर्द हो रहा है, काफी पसीना आता है या उल्टी सी लगती है तो आपको दिल का दौरा पड़ सकता है। यह इस बात का संकेत है कि आपकी धमनियां संकीर्ण हो रही हैं और पूरे शरीर में रक्त सही तरह से नहीं पहुँच पा रहा है।
* अनिद्रा दिल का दौरा पड़ने का सबसे अहम लक्षण है नींद की कमी। कई लोग जो अनिद्रा के शिकार होते हैं वह डिप्रेशन और घबराहट से भी गुज़रते हैं। घबराहट से उच्च रक्तचाप होता है जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है। शोध से पता चलता है कि डिप्रेशन और दिल के दौरे में सीधा सम्बन्ध है।
* छाती पर दबाव आपको कई बार छाती पर दबाव महसूस होगा, इसे एनजाइना भी कहते हैं। जब आपके दिल को ज़्यादा ऑक्सीजन वाला खून नहीं मिलता, छाती में दर्द उत्पन्न हो सकता है। कई लोग इसे अपच का कारण मानते हैं, पर अगर यह दबाव लगातार बना रहता है तो आपको दिल का दौरा पड़ सकता है।
* चक्कर और ठन्डे पसीने का आना रक्त का प्रवाह ठीक तरीके से नहीं होने से सही मात्रा में खून दिमाग तक नहीं पहुंचता है और इसके कारण आपको चक्कर आ सकते हैं। अगर आपको ठन्डे पसीने आ रहे हैं तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें।
* सांस लेने में दिक्कत दिल के अलावा रक्त प्रवाह में कमी होने से जो दूसरा अंग सबसे ज़्यादा प्रभावित होता है वह है फेफड़ा। फेफड़े में खून की कमी से आपको सांस लेने में दिक्कत आ सकती है। अगर आप सही तरीके से सांस नहीं लेते हैं तो आपके दिमाग में कम ऑक्सीजन पहुंचता है। इससे भी सांस लेने में दिक्कत आ सकती है।
* फ्लू के लक्षण अगर आपको दिल का दौरा पड़ने वाला होता है तो आपको फ्लू जैसे लक्षण भी दिखते हैं। ऐसे ही कुछ लक्षण हैं- थकावट, छाती में दर्द और बुखार। यह 2 से 10 दिनों तक रह सकता है।