मधुमेह अर्थात डायबिटीज एक क्रोनिक बीमारी है जो आपके पूरे शरीर को प्रभावित करती है। भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसका प्रमुख कारण खानपान में गड़बड़ी और खराब लाइफस्टाइल है। भारत की लगभग 5 फीसदी आबादी डायबिटीज से पीड़ित है। यदि शरीर में शुगर लेवल अचानक नियंत्रण से बाहर हो जाता है तो हृदय और गुर्दे की बीमारी सहित कई अन्य समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। समय रहते इस बीमारी की पहचान कर ली जाए तो इससे होने वाले बुरे परिणाम से बचा जा सकता हैं। डायबिटीज होने से पहले की स्टेज को प्री-डायबिटीज कहा जाता है। प्री-डायबिटीज में मरीज का शरीर कुछ ऐसे संकेत देता हैं जिन्हें देखकर पता लगाया जा सकता हैं कि आप डायबिटीज का शिकार हो सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको इन्हीं संकेतों की जानकारी देने जा रहे हैं जिनके दिखते ही आपको चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। आइये जानते हैं इन संकेतों के बारे में...
बार-बार पेशाब आना
डायबिटीज की वजह से आपके ब्लड से एक्सट्रा शुगर को निकालने के लिए किडनी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। जब शुगर ज्यादा हो तो किडनी इनको ब्लड से निकालती हैं, जिससे बार-बार पेशाब आता है। सामान्य से ज्यादा बार बाथरूम जाना, खासकर रात में, हाई ब्लड शुगर का संकेत है।
बार-बार इंफेक्शन
आपके यूरिन में ज्यादा शक्कर यीस्ट और बैक्टीरिया के लिए खाने का काम करती है। खाने के साथ एक गर्म, नम क्षेत्र उन्हें पनपने में मदद करता है। ऐसे में महिलाएं, जिन्हें डायबिटीज है, वे अक्सर यूरिन इंफेक्शन का अनुभव करती हैं।
पैरों में आ सकते हैं छाले
आम तौर पर, पैर के अल्सर की विशेषता त्वचा में दरार या गहरे घाव से होती है। डायबिटिक फुट अल्सर एक खुला घाव है जो मधुमेह के लगभग 15 प्रतिशत रोगियों को होता है। यह मुख्य रूप से पैर के तलवे पर पाया जाता है।
थकावट का एहसास होना
अगर पूरी नींद लेने के बाद भी आपको थकान महसूस होती है तो ये भी चिंता का विषय हो सकता है। दरअसल, डायबिटीज से पीड़ित लोगों के शरीर में कार्बोहाइड्रेट सही तरह से ब्रेक नहीं हो पाता है। इस वजह से खाने से मिलने वाली एनर्जी शरीर को पूरी तरह से नहीं मिलती है। एनर्जी न मिलने की वजह से शरीर में थकावट का एहसास होता है। अगर आपको भी अधिक थकान महसूस होती है तो बेहतर होगा आप अपनी जांच करा लें।
एथलीट फुट की समस्या
मधुमेह एथलीट फुट सहित पैर की जटिलताओं के विकास की संभावना को बढ़ा सकती है। एथलीट फुट एक फंगल संक्रमण है जिसमें खुजली, लालिमा और दरार की समस्या रहती है। यह एक या दोनों पैरों को प्रभावित कर सकता है। यह स्थिति दवाओं की सहायता से ठीक की जा सकती है।
लगातार भूख लगना
आपका शरीर आपके द्वारा खाए जाने वाले खाने को ग्लूकोज में बदल देता है जिसे आपकी कोशिकाएं एनर्जी के लिए इस्तेमाल करती हैं। लेकिन अगर आपको डायबिटीज है, तो कोशिकाएं ग्लूकोज को सही तरीके से अवशोषित नहीं कर पाती हैं, इसलिए आपके शरीर को द्वारा खाए जाने वाले खाने से पर्याप्त एनर्जी नहीं मिलती है। ऐसे में आपको हर समय भूख लगेगी, भले ही आपने तुरंत ही खुछ खाया हो।
वजन का घटना
अगर आपके शरीर को आपके खाने से पर्याप्त एनर्जी नहीं मिलती है, तो यह इसके बजाय मांसपेशियों और फैट को जलाना शुरू कर देगा। ऐसे में डायट चेंज न होने के बावजूद भी आप अपना वजन कम कर सकते हैं।
पैरों में दर्द, झुनझुनी और सुन्न होना
मेयो क्लिनिक के अनुसार, डायबिटिक न्यूरोपैथी अक्सर पैरों में नसों को नुकसान पहुंचाती है, जिसके कारण पैरो या में दर्द झुनझुनी होती है। इसके अलावा, यह पाचन तंत्र, मूत्र पथ में परेशानी, रक्त वाहिकाओं और हृदय से संबंधित समस्याएं भी पैदा करती है। जबकि कुछ लोग केवल हल्के लक्षणों से पीड़ित होते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं जिनके लक्षण काफी दर्दनाक और कमजोर करने वाले होते हैं।