आजकल की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में देखा जाता हैं कि कई लोग चाहकर भी संतान सुख का आनंद नहीं ले पा रहे हैं। इसका मुख्य कारण पुरुषों में बांझपन की समस्या को देखा जा रहा हैं। इस बढ़ते हुए खतरे को देखकर पेंसिल्वेनिया विवि द्वारा एक शोध की गई जो कि शुक्राणुओं की कमी की समस्या के समाधान में महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि इन अस्पष्ट कारणों में से एक बहुत बड़ा कारण हिस्टोन भी होते हैं जो कि न्यूक्लियोसोम स्ट्र्क्चर सेल्स में डीएनए को रेग्युलेट करते हैं।
इस शोध में वैज्ञानिकों ने पुरुष बांझपन से जुड़े जीन की खोज की है। शोधकर्ताओं का कहना है कि लगभग सात प्रतिशत पुरुषों में बांझपन की समस्या के अनुमान हैं। डॉक्टरों का अनुमान है कि 2,000 से ज्यादा जीन शरीर में शुक्राणु के उत्पादन में शामिल होते हैं। शोधकर्ता पुरुष शुक्राणुओं और पुरुष प्रजनन क्षमता को लेकर कई तरह के शोध करते आए हैं। कुछ वक्त पहले हुए एक शोध में वैज्ञानिकों का कहना था कि जंक फूड खाने से पुरुष प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। पिज्जा, बर्गर और हाई एनर्जी ड्रिंक्स लेने से शुक्राणुओं की संख्या में गिरावट आ जाती है।जंक फूड पुरुषों के टेस्टिकल फंक्शन को प्रभावित करते हैं। इस शोध में कहा गया था कि जंक फूड खाने वाले पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या स्वस्थ खाना खाने वाले पुरुषों के मुकाबले औसत से 2।5 करोड़ कम हो जाती है। अगर किसी पुरुष में शुक्राणुओं की संख्या कम होती है तो वह पिता नहीं बन पाता है। इस शोध का कहना था कि पिछले कुछ दशकों में पश्चिमी देशों में पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या घटी है। शोधकर्ताओं ने वियना में हो रही 'यूपोपियन सोसायटी ऑफ ह्युमन रिप्रोडक्शन एंड एंब्रायोलॉजी' सम्मेलन में इस शोध को पेश किया था। इसमें कहा गया है कि उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 40 सालों के दौरान पुरुषों के शुक्राणुओं में 59 फीसदी गिरावट हुई है।