अक्सर देखा जाता हैं कि छोटे बच्चे इतना रोते हैं कि उन्हें चुप कराना बहुत मुश्किल हो जाता हैं और वे पूरा घर सिर पर उठा लेते हैं। खासतौर से दुधमुंहे बच्चे कई बार ऐसा करते हैं। लेकिन ऐसे में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि इससे उनको मानसिक और शारीरिक विकास में बहुत मदद मिलती है। जी हां, हाल ही में इसका खुलासा एक रिपोर्ट के द्वारा हुए हैं जिसमें बताया गया हैं कि जन्म से लेकर डेढ़ साल की उम्र तक के बच्चों को अगर रोते हुए छोड़ दिया जाए, तो उनकी मानसिक और शारीरिक क्षमता मजबूत होती है।
यह दावा ब्रिटेन की वारविक यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की ताजा शोध में किया गया है। तीन महीने से 18 महीने की उम्र वाले बच्चे को कुछ देर तक रोने देना चाहिए। उनके रोने पर अगर आप तुरंत उसके पास पहुंच जाते हैं, तो यह उसके विकास पर असर डाल सकता है। इसके मुताबिक जन्म से लेकर डेढ़ साल की उम्र तक के बच्चों को अगर रोते हुए छोड़ दिया जाए, तो उनकी मानसिक और शारीरिक क्षमता मजबूत होती है, साथ ही वे धीरे-धीरे आत्म-अनुशासन भी सीख जाते हैं। हालांकि जब बच्चे रो रहे हों, तो उन पर नजर बनाए रखनी चाहिए।बच्चों के रोने के तरीकों, व्यवहार और इस दौरान माता-पिता की प्रतिक्रिया के अध्ययन के लिए सात हजार से ज्यादा बच्चों और उनकी माताओं का अध्ययन किया। कुछ अंतराल के बाद लगातार मूल्यांकन किया गया कि जब बच्चे रोते हैं, तो क्या माता-पिता तुरंत हस्तक्षेप करते हैं या बच्चे को कुछ देर या अक्सर रोने देते हैं।