कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को लेकर एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। एक रिसर्च के जरिए इस बात का खुलासा हुआ है कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप A है, उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। इस रिसर्च में इस बात का पता लगाने की कोशिश की गई है कि किस ब्लड ग्रुप (Blood Group) के लोगों को कोरोना वायरस होने का खतरा ज्यादा होता है। रिसर्च के नतीजों से पता चलता है कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप A है, उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। ब्लड ग्रुप को लेकर ये रिसर्च चीन के वुहान शहर में हुई है। वुहान से ही कोराना का वायरस पूरी दुनिया में फैला है। वुहान में हुए रिसर्च में ये भी बताया गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों में A ब्लड ग्रुप वालों की सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। वुहान में हुए रिसर्च के मुताबिक कोरोना वायरस के कुल संक्रमित मरीजों में O ब्लड ग्रुप वालों की संख्या 25% रही, वहीं ए ग्रुप वाले करीब 41% रहे। वायरस से संक्रमित मरीजों की मौतों में O ब्लड ग्रुप वाले करीब 25% रहे। एक आंकड़े के मुताबिक वुहान में करीब 32% लोग O ब्लड ग्रुप वाले हैं।
रिसर्च के मुताबिक O ब्लड ग्रुप वालों की तुलना में A ब्लड ग्रुप वालों को कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। आमतौर पर O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की संख्या ज्यादा होती है। एक आंकड़े के मुताबिक O ग्रुप वाले करीब 34% लोग हैं तो A ग्रुप वाले करीब 32%। इसके बावजूद कोरोना वायरस के संक्रमण होने की संभावना A ब्लड ग्रुप वालों में ज्यादा होती है।
इस रिसर्च की अभी समीक्षा होनी बाकी है। वुहान के रिसर्चर्स इस बात को बताने में असमर्थ हैं कि आखिर A ब्लड ग्रुप वालों में वायरस का संक्रमण ज्यादा क्यों फैला। इस रिसर्च में कोरोना वायरस से संक्रमित 2173 लोगों को शामिल किया गया था। इनमें से 206 लोगों की संक्रमण की वजह से मौत हो गई। उनमें A ब्लड ग्रुप वाले 85 मरीज थे। ये कुल होने वाली मौतों का 41% है। सारे संक्रमित मरीज हुबेई प्रांत के तीन हॉस्पिटलों में भर्ती थे।रिसर्च में संक्रमित व्यक्तियों के साथ वुहान के 3,694 ऐसे लोगों को भी शामिल किया गया था, जिनमें वायरस का संक्रमण नहीं था। ये सारे लोग भी उसी इलाके के थे। वुहान की स्वस्थ 1 करोड़ 10 लाख की आबादी में 34% आबादी A ब्लड ग्रुप वालों की है।