बवासीर के दौरान मलाशय के निचले हिस्से में आ जाती है सूजन, इन उपायों से मिलेगा आराम

आज के दौर में बढ़ती बीमारियों के बीच बवासीर की समस्या बेहद आम हो चुकी हैं जो हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं। बवासीर यानी पाइल्स एक गंभीर बीमारी है जिसे मेडिकल भाषा में हैमोराहोइड (Hemorrhoids) के नाम से जाना जाता है। बवासीर के दौरान मलाशय के निचले हिस्से में सूजन आने लगती हैं और नित्यकर्म में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बवासीर के मस्सों में दर्द होता है और कई बार खून भी आता है। इस बीमारी का सही समय पर पता लगना और सही समय पर इसका इलाज करना बेहद जरूरी है, नहीं तो ये आगे चलकर काफी तकलीफ दे सकती है। आज हम यहां कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं जो बवासीर में राहत दिलाते हुए समस्या को दूर करेंगे। आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में...

दालचीनी

दालचीनी के तेल का इस्तेमाल करने से बवासीर की परेशानियों को कम किया जा सकता है। दालचीनी एसेंशियल ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो सूजन से राहत मिल सकता है। बवासीर की परेशानी होने पर दालचीनी एसेंशियल ऑयल के साथ अन्य वाहक तेल मिक्स कर लें। अब इस तेल को प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इससे आपको काफी राहत मिल सकता है।

ईसबगोल

सभी बवासीर रोगियों के लिए ईसबगोल रामबाण इलाज है जो एक घुलनशील आहार फाइबर का समृद्ध स्रोत है। गर्म पानी या दूध के एक गिलास में ईसबगोल भूसी का एक चम्मच मिलाएँ और सोते समय रोजाना इसे पिएं। यह शौच की प्रक्रिया को कम करता है और मल को निकालते समय दर्द को कम करता है।

एलोवेरा

बवासीर के इलाज के लिए एलोवेरा एक प्राकृतिक उपचार है। इसका उपयोग बवासीर से राहत पाने के लिए प्राचीन काल से किया जाता रहा है। हालांकि बवासीर के लिए एलोवेरा एक अस्थायी घरेलू उपचार है, यह आसानी से उपलब्ध है और बवासीर के लक्षणों को जल्दी ठीक करता है।

टी ट्री ऑयल

बैक्टीरिया को खत्म करने का गुण रखता है। यह सूजन को कम करता है। साथ ही बवासीर की अन्य परेशानी से राहत दिला सकता है। संवेदनशील स्किन वाले लोग भी टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, इस तेल को जोजोबा तेल या नारियल के तेल के साथ मिक्स करके ही अपने प्रभावित हिस्से पर लगाएं। यह ऑयल ऑइंटमेंट की तरह बवासीर की परेशानी में कार्य करता है।

सेब का सिरका

सेब का सिरका अपने कषाय गुणों के कारण रक्तवाहिनियों को सिकोड़ने में मदद करता है। खूनी बवासीर में एक गिलास पानी में सेब के सिरके का एक चम्मच डालकर दिन में दो बार पिएं। बादी बवासीर में सेब के सिरके में रुई भिगाकर गुदा में रखें। इससे जलन और खुजली से राहत मिलेगी।

लहसुन

लहसुन आपके दर्दनाक बवासीर के लिए एक आदर्श समाधान है। इसमें उत्कृष्ट सूजन को कम करने वाले, विरोधी बैक्टीरियल और कसैले गुण होते हैं। यह दर्द और सूजन को राहत देता है और शौच की प्रक्रिया को आसान बनाता है। आप रोज़ रोज कच्चे लहसुन के लहसुन खा सकते हैं या इसे सपोसिटरी के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे रोगाणु नष्ट हो जाते हैं।

नारियल तेल

बवासीर को ठीक करने के लिए आप नारियल के तेल का उपयोग दो तरीकों से कर सकते हैं। नारियल का तेल या तो इसका सेवन करके या इसे लगाकर लिया जा सकता है। बवासीर के लक्षणों से राहत पाने के लिए ये दोनों तरीके कारगर हैं।

देसी घी

देसी घी अपने गुणों के लिए जाना जाता है। अगर आप नियमित रूप से देसी घी का सेवन करते हैं तो कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। बवासीर की समस्या से निजात पाने के लिए देसी घी में चुटकीभर हल्दी मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें और बवासीर वाली जगह पर नियमित तौर पर लगाने से कुछ ही दिनों में बवासीर की समस्या गायब हो जाएगी।

पपीता

पपीता विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है और इसमें एक शक्तिशाली पाचन एंजाइम-पपैन होता है जो कब्ज और रक्तस्राव बवासीर का इलाज करने के लिए एक शक्तिशाली फल माना जाता है। आप अपने नाश्ते में इसे खा सकते हैं या आंत्र आंदोलन को कम करने के लिए गुदा क्षेत्र पर इसके रस को लगा सकते हैं। आप अपने सलाद में कच्चा पपीता भी शामिल कर सकते हैं।