स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाते हैं प्रोबायोटिक फूड, डाइट में शामिल करें ये आहार

आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत को बनाए रखने में आपका आहार बहुत महत्व रखता हैं। हर आहार में अपने कुछ गुण होते हैं जिनका सेवन सेहत को फायदा पहुंचाता हैं। हम आज बात करने जा रहे हैं प्रोबायोटिक फूड के बारे में जो पाचन से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को फायदा पहुंचाते हैं। प्रोबायोटिक्स पेट के बैक्टीरिया का लाभकारी रूप हैं, जो प्राकृतिक पाचक रस और एंजाइमों को बढ़ाता हैं। ये बैक्टीरिया भोजन को पचाने, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाने, पोषक तत्वों को सोखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार होता है। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे प्रोबायोटिक फूड के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आपको अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।

कच्चा पनीर

कच्चा पनीर प्रोबायोटिक्स का एक उत्कृष्ट स्रोत है, हालांकि इसे पकाने से इस प्रकार के लाभ कम हो जाते हैं। पनीर को कच्चा खाने की आदत शरीर को प्रोटीन और कैल्शियम की भी पूर्ति करने में सहायक है।अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि नियमित रूप से कच्चा पनीर खाना शरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन की आवश्यकताओं की आसानी से पूर्ति करने में सहायक हो सकता है। यह आंतों के लिए भी काफी फायदेमंद है।

किमची

किमची में खमीर उठाया जाता है जो कि हमारे पेट को साफ रखने में मददगार साबित होते हैं। इसे कोरियन सलाद रेसिपी कहा जाता है। यह आम सलाद से थोड़ा अलग है। असल में खमीर के कारण इसमें प्रोबायोटिक बैक्टीरिया पनपते हैं जो कि हमारे पेट को साफ रखते हैं। यही कारण है कि विशेषज्ञ किमची खाने की सलाह देते हैं। पेट की छुटपुट बीमारियों से दूर रहने के लिए भी किमची लाभदायक होता है। इसमें पत्तागोभी को लहसुन, अदरक, सोया सॉस, सिरका और चिली फ्लेक्स में भिगोकर रखा जाता है।

डार्क चॉकलेट

डार्क चॉकलेट के सेवन से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं, ज्यादातर अध्ययनों में इसे तनाव को कम करने और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में लाभकारी बताया गया है, पर क्या आप जानते हैं कि इसमें प्रोबायोटिक्स की भी मात्रा होती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फूड माइक्रोबायोलॉजी (2010) के एक अध्ययन में पाया गया है कि डार्क चॉकलेट में मौजूद प्रोबायोटिक्स, दही की तुलना में पेट और छोटी आंतों पर बेहतर तरीके से काम करते हैं।

खट्टी गोभी

खट्टी गोभी एक प्रकार की गोभी होती है जिसे लैक्टिक ऐसिड के प्रयोग से उगाया जाता है। इसमें सामान्य गोभी की तुलना में अधिक पौष्टिकता होती है जो आपको फिट और निरोग रखने में मदद करती है। आम-किमची सलाद से भी ज्यादा प्रोबायोटिक्स की दोहरी खुराक पाई जाती है।

सेब

ठीक ही कहा गया है, रोजाना एक सेब का सेवन आपको डॉक्टर से दूर रखता है। सेब को डाइट्री फाइबर और प्रोबायोटिक्स का समृद्ध माना जाता है। सेब का सेवन शरीर को विटामिन्स और खनिजों की पूर्ति करने के साथ आंतों को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक प्रोबायोटिक्स भी प्रदान करता है। यही कारण है कि पाचन के लिए सेब को बेहतर फलों में से एक माना जाता है। नियमित रूप से सेब खाने की आदत बनाना शरीर के लिए बहुत लाभकारी है।

मिसो सूप

मिसो परंपरागत जापानी दवा का एक मुख्य स्रोत रहता है और आमतौर पर पाचन नियामक के रूप में माइक्रोबॉयोटिक खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गर्म पानी में एक चम्मच मिसो फर्मेन्टेड राई, बींस, चावल या जौ मिलाकर बनाया जाता है। यह लैक्टोबैसिलस और बिफिडस बैक्टीरिया से भरपूर से एक अच्छा, जल्द और प्रोबायोटिक युक्त सूप है। इसके अलावा यह पर्यावरण प्रदूषण के प्रभाव को कम करने और शरीर को ऐल्कलाइन कर शरीर से कैंसरकारी प्रभाव को रोकने में मदद करता है।

अलसी के बीज

अलसी के बीज प्रीबायोटिक्स का एक अन्य महत्वपूर्ण स्रोत हैं। फ्लैक्स सीड्स में फाइबर और प्रीबायोटिक्स की मात्रा होती है जो आंत के बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं। यह भोजन को पचाने और पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मददगार है। अलसी का कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ के लिए वर्षों से घरेलू उपाय के तौर पर भी प्रयोग किया जाता रहा है।