शिव की भक्ति के लिए जरूरी है ध्यान, जो दिलाएगा 'भ्रामरी योग'

सावन के महीने में हर भक्त भगवान शिव की भक्ति करता हैं, लेकिन उसका फल कुछ भक्तों को ही मिल पाता हैं क्योंकि वे भक्त पूरा ध्यान लगाकर भगवान शिव की भक्ति करते हैं। अगर आप भी भगवान शिव की कृपा चाहते हैं तो जरूरी है कि मन को शांत करके ही भगवान की भक्ति की जाए। लेकिन कभी-कभार अधिक तनाव के कारण मन शांत नहीं हो पाता हैं, तो ऐसे समय में हमें योग का सहारा लेने की जरूरत होती हैं। जी हाँ, योग के द्वारा मन को शांत करके भगवान की भक्ति में लगा जा सकता हैं। मानसिक शांति के लिए सबसे अच्छा योग हैं भ्रामरी योग जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं कैसे करें भ्रामरी योग से मन को शांत।

* आसन का अभ्यास करें इस तरह :

- अपनी आंखें बंद कर ध्यान की मुद्रा में बैठ जायें और नाक से गहरी सांस लें।

- सामान्य आवाज के साथ हमिंग की आवाज से शुरूआत करें। अपनी जीभ के आगे के भाग को मुंह के ऊपर ले जायें।

- अगर आपकी जीभ बहुत तेजी से दबेगी तो गले का रास्ता पूरी तरह से बंद हो जायेगा और किसी तरह की आवाज नहीं आयेगी।

- ध्यान रखे कि कैसे जीभ को थोड़ा सा भी उठाने से आपके गले से किस प्रकार की आवाज़ आती है। नाक में मक्खी जैसी आवाज का अनुभव कंपन की तरह होना चाहिए।

- व्यायाम की शुरूआत में सिर्फ सांस बाहर की ओर लेते समय इस तरह की आवाज़ होती है।

- सांस लेते समय अपने गले और जीभ को सामान्य रूप से सांस लेने दें। जब आप व्यायाम की दिशा में आगे बढ़े तो सांस छोड़ते समय भी इस आवाज का अनुभव करें।


* सावधानियां :


- भ्रामरी को प्रतिदिन हमेशा खाली पेट दो से तीन मिनट तक करें और फिर 5 मिनट तक करें।
- धीरे धीरे आप अपनी सुविधानुसार समय बढ़ा सकते हैं ।

- अधिक लाभ के लिए अपनी आंखे बंद करके शांति से बैठ जायें और अपने दिमाग में शांति का अनुभव करें।

- ध्यान के दौरान सिर्फ श्वास का अनुभव करें।