अक्सर देखा जाता हैं कि उम्र बढ़ने के साथ ही आंखों से जुड़ी समस्या का होना आम बात है और कई स्थितियों में तो अंधापन भी हो जाता हैं। बढती उम्र के साथ कई लोगों में मैक्यूलर डिजनरेशन (एएमडी) नामक बीमारी हो जाती हैं जो कि अंधेपन की वजह बनती हैं। ऐसे में हाल ही में हुई एक रिसर्च में खुलासा हुआ हैं कि इस अंधेपन का इलाज संभव हैं। तो आइये जानते हैं कि किस तरह यह संभव हो पाएगा।
मनुष्य का दिमाग काफी एडवांस तरीके से काम करता है। दिमाग को इस बात की जानकारी होती है कि किस तरह प्राकृतिक और आर्टिफीशियल विजन के बीच तालमेल बैठाकर जानकारी निकाली (प्रोसेस) की जाए। हाल ही में हुई एक रिसर्च में इस बात का दावा पेश किया गया कि मनुष्य का दिमाग दोनों प्रकार की दृष्टि के बीच एक कनेक्शन स्थापित करके अंधेपन की समस्या से निजात दिला सकता है। इस शोध के बाद अब अंधेपन की समस्या से छुटकारा मिल सकेगा। इस शोध के जरिए उम्र से संबंधित मैक्यूलर डिजनरेशन (एएमडी) नामक बीमारी को ठीक किया जा सकता है।
पत्रिका करेंट बायोलॉजी में प्रकाशित शोध के अनुसार, बढ़ती उम्र के साथ कई लोगों में होने वाली मैक्यूलर डिजनरेशन (एएमडी) नाम की बीमारी अंधेपन की वजह बनती है। पश्चिमी देशों में इस कारण से 50 साल की उम्र के ऊपर के लोगों में दृष्टिहीनता की समस्या होती है।
आज के समय में भी लोगों में होने वाली मैक्यूलर डिजनरेशन (एएमडी) नाम की इस बीमारी का कोई इलाज संभव नहीं है। लेकिन कुछ समय पहले कृत्रिम रेटिना प्रत्यारोपण के क्षेत्र में आए आधुनिक बदलाव के बाद इसके इलाज की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
इसके तहत आंखों की रेटिना के अंदर मौजूद लाइट रिसेप्टर रोशनी को सोखते हैं। इसके बाद जुटाई गई जानकारी को प्रोसेस कर उसे दिमाग तक पहुंचा देते हैं। ऐसे में दिमाग उस जानकारी को ग्रहण कर पाता है जो रेटिना द्वारा भेजी गयी है और देखना संभव हो पाता है।