फल और सब्जियों में रंगो का बड़ा ही महत्व होता है उसके साथ जो वह देखने में सुंदर लगते हैं उसी के साथ उनके कलरफुल होने का भी बहुत महत्व होता है जैसे की काले और हरे अंगूरों में काले अंगूर ज्यादा मीठे और पौष्टिक होते हैं। ऐसे ही फल और सब्जियों में कुछ किस्म उपलब्ध होती हैं। इसमें हरे और काले अंगूर, प्याज और सग्गा प्याज या शैलट्स, हरी और लाल पत्तागोभी व हरे और लाल सेब को रखा जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि एक फल या सब्जी की दो किस्मों में मौजूद पौष्टिक तत्वों की मात्रा अलग-अलग हो सकती है। इसके अलावा इनमें मौजूद शुगर का स्तर भी भिन्न हो सकता है। यही वजह है कि एक किस्म पोषण और कैलोरी के मामले में दूसरी से अधिक उपयोगी होती है। एक खबर के अनुसार आमतौर पर खाए जाने वाले फल और सब्जियों की दो रंग की किस्म में मौजूद पौष्टिक तत्वों का अध्ययन किया गया।
*हरे और काले अंगूर
हरे अंगूर में कुछ ऐसे पौष्टिक तत्व होते हैं, जो हृदय रोगों का खतरा घटाते हैं। हालांकि काले अंगूर पौष्टिकता के मामले में ज्यादा तगड़े होते हैं। इनमें फइटोकेमिकल अधिक मात्रा में होता है। इनके सेवन से मस्तिष्क पर उम्र का प्रभाव कम होता है और हार्ट अटैक का खतरा भी कम होता है। काले अंगूर में रिसवेराट्रोल, कैटेचिन्स और प्रोएंथोसाइनिडिन्स अधिक मात्रा में मौजूद होता है। यह पेट, फेफड़ों और स्तन कैंसर से बचाव में कारगर माना जाता है।
*प्याज और सग्गा प्याज
पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि सग्गा प्याज में साधारण प्याज के मुकाबले तीन गुना अधिक एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन सी होता है। स्वाद में भी यह साधारण प्याज की तुलना में अच्छा होता है और कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा मैग्नीशियमए पोटाशियम और जिंक भी साधरण के मुकाबले अधिक होता है। दोनों प्याज में पौधों में पाया जाने वाला रसायन लेवेनॉयड प्रचुर मात्रा में होता है, जो हृदय रोगों का खतरा कम करता है। इसके अलावा दोनों में प्रीबायोटिक फाइबर भी पाया जाता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाने वाले अच्छे बैक्टीरिया के विकास में मदद करता है।
*साधारण और लाल खजूरआमतौर पर हम सोचते हैं, खजूर तो दोनों ही हैं कोई भी खा सकते हैं। मगर पोषण विशेषज्ञ को कहना है कि लाल खजूर में कैलोरी की मात्रा साधारण खजूर के मुकाबले 60 फिसदी कम होती है। साथ ही इसमें शुगर की मात्रा भी आधी होती है, मगर साधारण खजूर के मुकाबले फाइबर 10 फीसदी अधिक होता है।
*लाल और हरे सेब
लाल सेब के मुकाबले हरे सेब में शक्कर की मात्रा छ: ग्राम तक कम होती है। एक औसत आकार के लाल सेब में 23 ग्राम तक शुगर होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सेब में घुलने वाले फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शुगर को रक्त प्रवाह में मिलने से रोकते हैं। इसके अलावा यह कोलेस्ट्रॉल भी कम करता है। सेब के छिलके में उसके गूदे के मुकाबले पांच गुना अधिक एंटीऑक्सीडेंट होता है। इसलिए सेब को छिलका समेत खाने की सलाह दी जाती है।
*साधारण और छोटे केलेप्रति सौ ग्राम छोटे केलों में तकरीबन तीन ग्राम तक शुगर की मात्रा होती है। इनके मुकाबल प्रति सौ ग्राम साधारण केलों में 15 ग्राम शुगर होती है। केले में पोटैशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह ब्लड प्रेशर पर नमक के प्रभाव को कम करता है। इसके अलावा इनमें एफओरस फाइबर भी अधिक मात्रा में होता है, गुड बैक्टीरिया को बढ़त में मदद मिलती है। साधारण केले छोटे केलों के मुकाबले बेहतर होते हैं।
तो अब पाठक गण समझ ही गये होंगें की रंगों का महत्व हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण स्थान है फिर चाहें वह कपड़े हो या फल सब्जियां रंगो का अपना एक रूप और महत्व होता है।