कैंसर की बिमारी आज एक अभिशाप बनती नजर आ रही है, जिसकी वजह से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। कैंसर कई प्रकार का होता है जिसमें से एक है प्रोस्टेट कैंसर जो कि सिर्फ पुरुषों को होता है, क्योंकि यह पुरुषों के प्रोस्टेट की कोशिकाओं में बनने वाला एक प्रकार का कैंसर है। वर्तमान समय में भारत के सभी क्षेत्र प्रोस्टेट कैंसर से प्रभावित हैं और समय के साथ इसमें इजाफा होता जा रहा हैं। इस कैंसर के सफल इलाज कि संभावना तब बढ़ जाती है जब यह प्रोस्टेट ग्रंथि तक ही सीमित होता है और उससे आगे नहीं फलता है। क्या आप जानते है कि कच्ची हल्दी में प्रोस्टेट कैंसर से लड़ने के गुण पाए जाते हैं। जी हाँ, आइये जानते है किस तरह हल्दी में उपस्थित गुण इस समस्या से लड़ने में हमारी मदद करते हैं।
हल्दी एक बहुत ही अच्छी जड़ी बूटी है। इसे "मसालों की रानी" के नाम से भी जाना जाता है। अमेरिकन केमिकल सोसायटी ऑफ़ जर्नल के मुताबिक हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीवायरल, एंटीबायोटिक, एंटीफंगल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह प्रोटीन, फाइबर, नियासिन, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन के, पोटेशियम, कैल्शियम, तांबे, आयरन, मैग्नीशियम और जस्ता जैसे पोषक तत्वों से भी भरपूर है। इन सभी पोषक तत्वों के कारण, हल्दी अक्सर स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए प्रयोग की जाती है।
कच्ची हल्दी में कैंसर से लड़ने के गुण होते हैं। यह खासतौर पर पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर के कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने के साथ साथ उन्हें खत्म भी कर देती है। यह हानिकारक रेडिएशन के संपर्क में आने से होने वाले ट्यूमर से भी बचाव करती है। हल्दी में लिपोपॉलीसेच्चाराइड नाम का तत्व होता है इससे शरीर में इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। हल्दी इस तरह से शरीर में बैक्टेरिया की समस्या से बचाव करती है। यह बुखार होने से रोकती है। इसमें शरीर को फंगल इंफेक्शन से बचाने के गुण होते है। हल्दी के लगातार इस्तेमाल से कोलेस्ट्रोल सेरम का स्तर शरीर में कम बना रहता है। कोलेस्ट्रोल सेरम को नियंत्रित रखकर हल्दी शरीर को ह्रदय रोगों से सुरक्षित रखती है।