
आजकल बच्चों में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जिसका असर उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। मोटापा बच्चों के विकास को रोकता है और भविष्य में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसके पीछे मुख्य कारण उनका आहार और जीवनशैली हैं। जंक फूड का अत्यधिक सेवन, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और आलसी जीवनशैली इसके मुख्य कारण हैं।
माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों के खाने-पीने की आदतों पर ध्यान दें और उन्हें स्वस्थ आहार दें। घर में खाना बनाने से लेकर बाहर के फूड को सीमित करने तक, माता-पिता को बच्चों की डाइट पर विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही, बच्चों को खेलने और शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करना जरूरी है।
बच्चों को एक एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाने के लिए, उन्हें बाहरी खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें, जैसे कि क्रिकेट, फुटबॉल या साइकिल चलाना। इसके अलावा, बच्चों को टीवी और मोबाइल पर ज्यादा समय न बिताने की सलाह दें, ताकि उनका समय खेल-कूद और शारीरिक गतिविधियों में व्यतीत हो सके।
आप बच्चों को फिट और हेल्दी बनाने के लिए नियमित रूप से उनके आहार और व्यायाम की योजना बना सकते हैं। यह सुनिश्चित करना कि बच्चों को पर्याप्त नींद मिल रही है, उनका मानसिक स्वास्थ्य भी बनाए रखने में मदद करता है।
बच्चों का वजन कम करने को माता-पिता ध्यान रखें ये बातें
आउटडोर गेम्स और शारीरिक गतिविधियां माता-पिता को बच्चों को आउटडोर गेम्स जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन आदि खेलने के लिए प्रेरित करना चाहिए। यह न केवल बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि उनके मानसिक विकास में भी मदद करता है। मोबाइल और टीवी से दूर रहने के लिए बच्चों को इन खेलों में भाग लेने के लिए उत्साहित करें। इसके अलावा, घर पर डांस और एक्सरसाइज जैसी फिजिकल एक्टिविटीज भी करवाई जा सकती हैं, जो वजन कम करने में मदद करेंगी और बच्चों को एक्टिव बनाए रखेंगी।
स्वस्थ आहार का महत्व बच्चों को फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त आहार के महत्व के बारे में समझाना बेहद जरूरी है। माता-पिता को बच्चों को घर का बना हुआ, ताजे और पोषण से भरपूर खाना खाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक और अत्यधिक चीनी युक्त खाद्य पदार्थों के नुकसान के बारे में बच्चों को बताएं। इससे बच्चे स्वस्थ आहार की आदतें अपनाएंगे और मोटापे की समस्या कम होगी। कोशिश करें कि बच्चों के भोजन में ताजे फल, सलाद, दही और नट्स भी शामिल हों।
स्क्रीन टाइम पर नियंत्रण बच्चों का टीवी, कंप्यूटर और मोबाइल फोन का इस्तेमाल दिन में कुछ घंटों तक सीमित करें। स्क्रीन टाइम को कम करने के लिए बच्चों को रचनात्मक गतिविधियों में शामिल करें, जैसे चित्रकारी, संगीत, और शिल्पकला आदि। इसके अलावा, बच्चों को शारीरिक गतिविधियों के लिए प्रेरित करें जैसे कि बाहर पार्क में खेलना, साइकल चलाना, या परिवार के साथ पैदल चलना। इससे बच्चे न सिर्फ शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे, बल्कि मानसिक रूप से भी सक्रिय और खुशमिजाज रहेंगे।
खुलकर बात करें और सपोर्ट करें माता-पिता को हमेशा बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करनी चाहिए और उनकी भावनाओं को समझना चाहिए। अगर बच्चे अपने वजन को लेकर चिंतित हैं या असहज महसूस कर रहे हैं, तो उन्हें सपोर्ट करें और सकारात्मक माहौल बनाएं। बच्चे जब अपने वजन के बारे में खुलकर बात करते हैं, तो उनका मानसिक तनाव कम होता है और वे समस्या को सुलझाने के लिए प्रेरित होते हैं। उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए उनकी तारीफ करें और उन्हें मोटिवेट करें कि वे बदलाव के लिए कदम उठा सकते हैं।
नाश्ते में हेल्दी विकल्प दें बच्चों को नियमित रूप से एक हेल्दी ब्रेकफास्ट करने की आदत डालें। नाश्ते में राजमा, ब्रोकली, मटर, फूड ग्रेन पास्ता, ओटमील जैसी पौष्टिक चीजें शामिल करें, जो बच्चों के लिए ऊर्जा का अच्छा स्रोत होती हैं। फ्रेश फ्रूट्स जैसे केले, सेब, अंगूर या मौसमी फल भी नाश्ते में शामिल करें। बच्चों के लिए नाश्ता न केवल उनके दिन की शुरुआत को एनर्जेटिक बनाता है, बल्कि यह उनके वजन को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
पूरी नींद का महत्व बच्चों को 7-8 घंटे की भरपूर नींद लेने की सलाह दें। एक अच्छी नींद बच्चों के शरीर को आराम देती है और मेटाबोलिज्म को सुधारती है, जिससे उनका वजन नियंत्रित रहता है। नींद की कमी से बच्चों में वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है क्योंकि यह उनके हार्मोनल बैलेंस को प्रभावित करता है। सही नींद के साथ, बच्चे न केवल शारीरिक रूप से फिट रहते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी ताजगी महसूस करते हैं और दिनभर एक्टिव रहते हैं।