सर्दियों में बच्चों को होती हैं पानी की कमी, इन तरीकों से करें इसकी पहचान

अक्सर देखा जाता हैं कि सर्दियों के दिनों में पानी कम पीने की वजह से शरीर में पानी की कमी होने लगती हैं जो कि शरीर के लिए बहुत परेशानी का कारण बनती हैं। ऐसे में बड़ों को पता चल जाता हैं कि उनके शरीर में पानी की कमी हो रही हैं। लेकिन सर्दियों के दिनों में बच्चों के शरीर में भी पान की कमी होने लगती है लेकिन वे बोल पाने में असमर्थ होते हैं। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसे उपाय लेकर आए हैं जिनकी मदद से बच्चों में हो रही पानी की कमी के बारे में पता लगाया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन संकेतों के बारे में।

होठों और त्वचा का बार-बार सूखना

अगर बड़ों की तरह बच्चों की स्किन और होंठ भी दिन में कई बार सूखते हैं, तो इसका मतलब ये हैं कि उनके शरीर में जरुरी पानी का स्तर कम हो गया है, वो धीरे-धीरे डिहाइड्रेशन की स्थिति में पहुंच रहे हैं। ऐसे में इस सिचुएशन को पहचानकर शिशु को दूध या पानी या तरल पदार्थो का सेवन कराने की मात्रा को बढ़ा देना चाहिए।

बिना आंसू के रोना

आमतौर पर रोते समय हर किसी की आंखों से आंसू निकलते हैं। अगर आपका बच्चा बार-बार बिना आंसू के रो रहा है, तो ये उसके शरीर में पानी की कमी को दर्शाता है। ऐसे में तुरंत उसके शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए तरल पदार्थों की मात्रा बढ़ाने के साथ डॉक्टर की सलाह पर अन्य उपाय भी कर सकते हैं।

डायपर का कम गीला होना

अगर अचानक से कुछ दिनों से आपके बच्चे का डायपर पहले की तुलना में कम गीला होता है, तो ये उसके शरीर में पानी की कमी का मुख्य संकेत है। ये आमतौर पर शरीर को पूरा पौषण न मिलने या नींद पूरी न होने पर भी होता है। इसके अलावा उसके पेशाब में रंग में पीला गहरापन आना भी शरीर में डिहाइड्रेशन को दर्शाता है।

चिड़ाचिड़ा व्यवहार करना

अगर आपका बच्चा बार-बार रो रहा है और उसे खिलाने या दूध पिलाने के बाद भी रोना बंद नहीं हो रहा है, तो वो शरीर में पानी की कमी और नींद की कमी के कारण की वजह से भी ऐसा कर सकता है। ऐसे में आप उसे तरल पदार्थों और ओआरएस के घोल के अलावा सुलाने की कोशिश करें।

बच्चे का अधिक सोना

बड़ों की तुलना में छोटे बच्चों को पूरा पौषण न मिलने या पानी की कमी होने पर अत्याधिक नींद आती है। जिससे वो दिन का ज्यादा से ज्यादा समय सोकर बिताते हैं। अगर आपका बच्चा भी अचानक से कुछ दिनों से ज्यादा सो रहा है, तो इसे इग्नोर न करें और डॉक्टर की सलाह लें।