सर्दियों मे हृदय को रखना है स्वस्थ तो करे इस चीज का सेवन, होंगे और भी की फायदे

मकर संक्रांति बहुत ही पवित्र त्यौहार होता है, जिसमें तिल के दान का बहुत महत्व होता है। इस पर्व का देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों और परंपराओं के अनुसार मनाया जाता है। मगर इन त्योहारों में एक बात बहुत ही कॉमन है, वह है तिल। इस दिन लोग तिल से बने व्यंजनों का सेवन करते हैं और लोगों को खिलाते हैं। तिल बहुत ही पौष्टिक होता है, जिसे आमतौर पर सर्दियों में खाया जाता है। अपनी गर्म प्रकृति की वजह से यह सर्दियों में शरीर को गर्माहट भी देता है। इसमें कई सोच में पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे कैल्शियम, विटामिन ई और बी विटामिन के अलावा प्रोटीन, फाइबर और स्वस्थ वसा का बेहतरीन स्रोत है। तिल का सेवन करने से हृदय संबंधी रोग और न्यूरोडीजेनरेटिव डिजीज सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की रोकथाम में योगदान करता है। तिल मुख्यता दो तरह के होते हैं, एक सफेद तिल तो दूसरा काला तिल के नाम से जाना जाता है।

तिल के औषधीय गुण

तिल औषधीय गुणों से भरपूर होता है। तिल में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन-बी1, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, कॉपर व जिंक आदि गुण पाए जाते हैं । इसमें सेसमीन और सेसमोलिन नामक दो सबसे महत्वपूर्ण कंपाउंड भी पाए जाते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोक सकते हैं। साथ ही तिल में फाइटोस्टेरॉल, पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होता है, जो शरीर से कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। यह दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए भी फायदेमंद होता है ।

मधुमेह से बचाव

तिल के बीज में ऐसे कई पोषक तत्व होते हैं जो, मधुमेह का मुकाबला करने में मददगार साबित हो सकते हैं। तिल मधुमेह के रोगियों में हृदय संबंधी समस्याओं को सुधारने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, तिल शरीर में इंसुलिन के स्तर को भी नियंत्रित कर सकता है, जिससे डायबिटीज के लक्षणों को सामान्य करने में मदद मिल सकती है ।

उच्च एंटीऑक्सीडेंट

तिल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट बेहद लाभकारी होते हैं। दरअसल, फ्री रेडिकल्स शरीर के स्वस्थ सेल के साथ मिलकर शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में तिल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को खत्म करके शरीर को बीमारी से बचाने में मदद कर सकते हैं। है हाल ही में हुए एक शोध से पता चला है कि तिल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हृदय की सुरक्षा और ट्यूमर की रोकथाम में भी प्रभावी है ।

हृदय

जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है, तो हृदय संबंधी रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। इस लिहाज से स्वस्थ हृदय के लिए के लिए तिल के बीज का सेवन लाभदायक हो सकता है। तिल के बीज में सेसमोल नामक कंपाउंड होता है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है। साथ ही तिल के बीज में एंटी-एथेरोजेनिक गुण भी होता है, जिससे यह हृदय को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।

अस्थमा

अस्थमा श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है। ऐसे में तिल का सेवन करने से इस समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। बता दें कि तिल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होता है। तिल के तेल से ब्रॉन्काइटिस के कारण होने वाली सूजन यानी ब्रोन्कियल न्यूट्रॉफिलिक को कम करने में मदद मिल सकती है।

हड्डियों को करे मजबूत

हड्डियों को मजबूत करना भी तिल के गुण में शामिल है। तिल के बीज में पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है, जो एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी से होने वाले ओस्टियोपोरोसिस की समस्या को ठीक कर सकता है । इसके अलावा, ताहिनी यानी तिल के तेल से बनने वाले पेस्ट मे कैल्शियम होता है। इस लिहाज से यह हड्डियों को मजबूत बना सकता है।

आंखों के लिए

तिल आंखों के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होता है। तिल में एंटीबैक्टीरियल गुण होता है, जो आंखों की रोशनी को कुछ हद तक ठीक कर सकता है । अभी इस संबंध में और शोध किए जा रहे हैं।

लो ब्लड प्रेशर के लिए लाभकारी

तिल के गुण की बात करें, तो यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। तिल में एंटीहाइपरटेंसिव गुण पाया जाता है। इस गुण के कारण यह उच्च रक्तचाप में प्रभावी साबित हो सकता है। इसके अलावा, तिल में मौजूद सेसमीन और सेसमोलिन कंपाउंड उच्च रक्तचाप को कम कर सकते हैं ।