बच्चे हों या बड़े सब को पस्त कर देती है ये उल्टियाँ ( Vomiting )। उल्टी होना शरीर से विजातीय पदार्थ निकालने की एक शारीरिक प्रक्रिया है, मगर कभी-कभी शरीर में संक्रमण होने से कुछ भी खाने पीने से तुरंत उल्टियाँ होने लगती है। सफर करना और घूमना-फिरना सभी को बहुत अच्छा लगता है। परंतु कई लोगों को सफर करने के नाम से ही डर लगने लगता है। विशेष कर बस-कार आदि का लंबा सफर। क्योकि उन्हें सफर के समय उल्टियां होती है या जी घबराता है जिससे घूमने फिरने का मजा किरकिरा हो जाता है। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे है उलटी होने या जी घबराने से बचने के उपाय के बारे में।
* दो लौंग पीसकर 30 ग्राम पानी में मिलाकर थोड़ा गर्म करके पिलाने से जी मिचलाना ठीक हो जाता है। लौंग के पानी से सुखी हिचकियाँ भी शांत हो जाती है। केवल एक-दो लौंग चबाने चूसने से भी जी मिलचाना और मुख का बिगड़ा स्वाद ठीक होता है। चक्कर, उबकाई आने में लौंग का प्रयोग बड़ा लाभप्रद है।
* उबड़ खाबड़ रास्तो पर दचके अधिक लगने से समस्या बढ़ती है। दचके कम लगें इसके लिए आगे की तरफ बैठने से आराम मिलता है। अतः कार या बस में आगे की तरफ बैठे। नाव या पानी के जहाज में नीचे की तरफ के केबिन की तथा बीच वाली सीट इसके लिए उपयुक्त होती है। हवाई जहाज में पंखों के ऊपर की तरफ बीच वाली सीट पर बैठना चाहिए । इसने सफर में जी घबराना कम हो जाता है।
* सफर से पहले देर से पचने वाला भारी खाना और तेज मिर्च मसाले तथा वसा युक्त खाना खाने से बचें। अधिक मात्रा में ना खाएं। बहुत हल्का खाना लेना चाहिए। बिल्कुल खाली पेट होने से भी परेशानी हो सकती है।
* जब तक उलटी होना ठीक नहीं हो जाये तब तक ठोस आहार न लें तो ज्यादा अच्छा। गर्म भोजन की गंध से जी घबराता हो तो खाना थोड़ा ठंडा हो जाये तब ही लें। जी मिचलाए तो खाना खाने के बाद कुछ देर आराम करें। भोजन के साथ पानी ना लें।
* जी घबरा रहा हो तो उल्टी होने से रोकने के लिए लेट जाएँ आराम करें , इससे जी घबराना कम होता है। उल्टी हो जाये तो साफ पानी में थोड़ा नमक मिलाकर अच्छे से कुल्ला कर लें। आराम करें। बार बार उल्टी हो तो पानी की शरीर में कमी ना हो इसका इसका ध्यान रखें , लगातार थोड़ी थोड़ी मात्रा मात्रा में पानी पीते रहें। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए ORS का घोल लेते रहें।