मीठा नीम या कढ़ी का पत्ता का सबसे ज्यादा इस्तेमाल रसोई में बनने वाले व्यंजनों में किया जाता है। मीठा नीम की पत्तियों का प्रयोग रसेदार व्यंजन को बनाने में किया जाता है और इसीलिए इसे कढ़ी पत्ता भी कहा जाता है। वैसे दिखने में तो यह कड़वे नीम के पत्तों जैसा ही होता है लेकिन, कड़वे नीम से इसका कोई संबंध नहीं है। करी पत्ते को भारतीय खाने में स्वाद का बादशाह कहा जाता है। इंडियन फूड के अलावा साउथ इंडियन सांभर से लेकर पंजाबी किचन में भी करी पत्ते को सुगंध के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मीठा नीम जिसकी ताजा-ताजा पत्तियों में एक अलग ही खुशबू होती है। जो खाने के स्वाद को तो बढ़ाती ही है, वहीं कई सेहत लाभ भी देती हैं। इसी के साथ एंटीबायोटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधि के रूप में जाना जाता है।
मीठा नीम या कढ़ी का पेड़ छोटा होता है। यह 6-10 फीट ऊँचा होता है तथा इसके तने की मोटाई 40 सें.मी. तक होती है। इसकी टहनियों में 10-12 पत्तीदार कमानियाँ होती हैं जिस पर 2-4 सें.मी. लम्बी व 1-2 सें.मी. चौड़ी पत्तियाँ लगी होती हैं। जो दिखने में बिल्कुल कड़वी नीम की तरह ही होती हैं। मीठा नीम में छोटे-छोटे फल लगते हैं और पकने पर काले रंग के हो जाते हैं। मीठा नीम का वानस्पतिक नाम Murraya koenigii है।
यह स्वाद में भले ही कड़वा हो, लेकिन इससे होने वाले लाभ अमृत के समान होते हैं। वैसे तो नीम के पास आपकी हर समस्या का इलाज है।
मीठा नीम के फायदे
पौषक तत्वों का खजानाकरी पत्ता बहुत पौष्टिक होता है। इसमें मैग्नेशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, कॉपर और विटामिन भी होता है। कुछ लोग करी पत्ता सब्जी से बाहर निकालकर रख देते हैं, जबकि इसे खा लेना चाहिए।
लीवर को तन्दुरुस्त रखता हैलीवर हमारे शरीर का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका निरंतर बिना रुके सही तरीके से काम करना जरूरी होता है। करी पत्ता लीवर को सशक्त बनाता है। यह लीवर को बैक्टीरिया तथा वायरल इंफेक्शन से बचाता है। इसके अलावा यह फ्री रेडिकल्स, हेपेटाइटिस, सिरोसिस जैसी कई बीमारियों से भी बचाता है।
आँखों की रोशनी बढ़ाता है करी पत्ता में पर्याप्त मात्रा में विटामिन A होता है। विटामिन A आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है। इसकी कमी से आंखों की रोशनी कम होना जैसी कई समस्या हो सकती है। विटामिन A की कमी को पूरा करने के लिए भी करी पत्ते का सेवन किया जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि करी पत्ता आंखों की रोशनी बढ़ाने का काम करता है। करी पत्ते में कैरोटीनॉयड होता है जो कॉर्निया को सुधारने में मदद करता है। आंखों की रोशनी बढ़ाने के साथ ही यह मोतियाबिंद जैसी बीमारी को दूर रखता है।
बालों को काला घना और मजबूत बनाता है करी पत्ते में बालों को मॉइश्चराइजिंग करने वाले कई गुण मौजूद होते हैं, जो बालों को गहराई से साफ करते हैं और इन्हें बढ़ाने के साथ-साथ मजबूत भी बनाते हैं। करी पत्ते की सूखी पत्तियों का पाउडर बनाकर तिल या नारियल के तेल में मिला लें, फिर इस तेल को थोड़ा गर्म करके सिर में मसाज करें। इसे रातभर रखें और फिर सुबह शेंपू कर लें। इस प्रकार मालिश करने से बाल गिरना बंद हो जाएंगे और वह मजबूत भी होंगे। इसके साथ ही आप अपने बालों को काला, घना और मजबूत बनाने के लिए इसका प्रयोग कर सकते हैं। नारियल तेल में कड़ी पत्ते को उबालकर बालों की मालिश करें।
एनीमिया से बचाता हैकड़ी पत्ता आयरन और फॉलिक एसिड का बेहतरीन स्रोत है। यह हमारे शरीर का आयरन अवशोषित करने में मदद करता है और हमें एनीमिया जैसी बीमारी से बचाता है। हर दिन सुबह के समय खाली पेट कड़ी पत्ता और खजूर का सेवन करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।
डायबिटीज को कंट्रोल करता हैडायबिटीज के मरीजों के लिए कड़ी पत्ता फायदेमंद है। कड़ी पत्ता को खानपान में शामिल करने से आप इस समस्या से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए कड़ी पत्ता का सेवन करना बेहद फायदेमंद है।
खांसी को रोकता और कफ दूर करता हैबदलते मौसम में खांसी की समस्या आम होती है। गीली खांस में कफ बनता है तो कभी यह कफर सूख जाता है और कभी फेफड़ों में जमा हो जाता है। ऐसे में कड़ी पत्ता का सेवन फायदेमंद है। इन समस्याओं में कड़ी पत्ते को पीसकर या फिर शहद के साथ इसके पाउडर का सेवन करने से आराम होता है।
त्वचा सम्बन्धी समस्याओं को दूर करता हैकई तरह के त्वचा संबंधी रोगों में भी कड़ी पत्ता फायदेमंद है। अगर आप लंबे समय से चेहरे पर मुहांसों या अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो हर दिन कड़ी पत्ता खाएं। आप इसका पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगा भी सकते हैं।
पाचन सम्बन्धी बीमारियों को दूर करता हैपेट की पाचन संबंधी बीमारियों में भी कड़ी पत्ता का सेवन फायदेमंद होता है। इसके साथ ही दस्त होने पर कड़ी पत्ते को पीसकर छाछ में मिलाकर पीना चाहिए। यह पेट की गड़बड़ी को दूर करता है। पेट के कई तरह के दोषों को शांत करने में इसका सेवन फायदेमंद होता है।
बवासीर में है फायदेमंदकरी पत्ते की तासीर ठंडी होती है जो बवासीर रोगी के लिए फायदेमंद है। करी पत्तों को पानी के साथ पीसकर इसका पानी अलग कर लें और उसे पी लें। नियमित रूप से ऐसा करने से आपको बवासीर नामक बीमारी से छुटकारा मिल जाएगा।