फ़ायदे : साँसों में बदबू को दूर करता है फिटकरी का उपयोग

जो मनुष्य की काया ‘फिट’ करे उसे ‘फिटकरी’ कहते हैं यह लाल व सफेद दो प्रकार की होती है। फिटकरी एक प्रकार का खनिज है जो प्राकृतिक रूप में पत्थर की शक्ल में मिलता है। सालों से हमारे-आपके घर में फिटकरी का इस्तेमाल होता आ रहा है। फिटकरी में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। कुछ घरों में इसे आफ्टर शेव की तरह इस्तेमाल करते हैं तो कुछ घरों में इसका प्रयोग पानी साफ करने के लिए। आयुर्वेद में भी इसके कई फायदों का उल्लेख किया गया है। तो आइये आज हम आपको बताते हैं फिटकरी किस तरह फायदेमंद हैं।

# अगर आपको कोई चोट लग गई हो या फिर घाव हो गया हो और उससे लगातार खून आ रहा हो तो फिटकरी के पानी से घाव को धो लें। इससे खून बहना बंद हो जाएगा। फिटकरी के पानी की जगह आप फिटकरी को महीन पीसकर भी प्रयोग में ला सकते हैं।

# जिन लोगो को शरीर से ज्यादा पसीना आने की समस्या हो तो वो लोग नहाते समय पानी में फिटकरी को घोलकर नहाने से पसीना आना कम हो जाता है।

# साँसों में बदबू के मुख्य कारणों में से एक है बैक्टीरिया का संग्रह, जो बदले में विषाक्त पदार्थों और एसिड का उत्पादन करते हैं। फिटकरी माउथवाश के साथ कुल्ला करना बैक्टीरिया विकास को रोकता है और जीवाणु को धोता है।

# अगर आपके चेहरे पर भी झुर्रियां आ गई हैं तो फिटकरी के पानी का इस्तेमाल करना आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा। आप चाहें तो फिटकरी के एक बड़े टुकड़े को पानी में डुबोकर चेहरे पर हल्के हाथों से मलें। कुछ देर बाद साफ पानी से चेहरा धो लें।

# मुल्तानी मिट्टी और अंडे के सफेद भाग के साथ इसका संयोजन मुँहासे से लड़ने और निशान हटा देने के लिए प्रभावी उपाय है। फिटकरी में एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं।

# दस ग्राम फिटकरी के चूर्ण में पांच ग्राम सेंधा नमक मिलाकर मंजन बना लें। इस मंजन के प्रतिदिन प्रयोग से दांतो के दर्द में आराम मिलता है।

# अगर आपको दमा की शिकायत है तो फिटकरी आपकी इस समस्या का रामबाण इलाज है। फिटकरी के चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर चाटने से दमा और खांसी में फायदा होता है।

# यूरीन इंफेक्शन हो जाने पर भी फिटकरी का इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद होता है। प्रतिदिन फिटकरी के पानी से प्राइवेट पार्ट की सफाई करने से इंफेक्शन का खतरा दूर हो जाता है। इसके अलावा पानी में घुलनशील अशुद्धि को दूर करने के लिए भी फिटकरी का इस्तेमाल किया जाता है।