क्या आप जानते है व्रत करने के क्या क्या है फ़ायदे?

व्रत उपवास हमारी संस्कृति के एक अभिन्न अंग है। इनका सिर्फ धार्मिक महत्त्व ही नहीं है बल्कि शारीरिक रूप से भी बहुत अधिक महत्त्व है। व्रत उपवास करने से शरीर को कई प्रकार के लाभ होते है। सामान्य तौर पर व्रत का मतलब एक समय का भोजन करना तथा उपवास का मतलब दोनों समय का भोजन नहीं करना होता है । व्रत और उपवास का शारीरिक रूप से लाभ तभी मिलता है जब सही तरीके से इन्हें किया जाये। ऐसा माना जाता है की उपवास कष्ट देता है। यह बात सच है लकिन हम उपवास को जितना अधिक कष्टदायक मानते हैं उपवास उतना अधिक कष्टदायक नहीं होता है, बल्कि यह कई फायदे भी देता है। तो चलिए जाने व्रत करने के क्या क्या फायदे होते है।

* रोग प्रतिरोधक कोशिकाओं का निर्माण :


व्रत करने से नई रोग प्रतिरोधक कोशिकाओं के बनने में मदद होती है। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफोर्निया के विशेषज्ञों की मानें तो कैंसर के मरीजों के लिए व्रत रखना बहुत फायदेमंद होता है। खासतौर पर उन मरीजों के लिए जो कीमोथेरेपी ले रहे हैं।

* वजन नियंत्रित होता है :

नियमित रूप से उपवास करने पर हमारे शारीरिक वजन को कम होने में काफी मदद मिलती है। जब हम उपवास करते हैं तो हम कई घंटों तक कुछ नहीं खाते। उस समय हमारे शरीर में वसायुक्त कोशिकाएँ प्रभावशाली रूप से पिघलने लगती हैं तथा हमारा वजन नियंत्रण में रहता है।

* श्वसन क्रिया में :

श्वसन क्रिया अच्छे से होने लगती है। इससे फेफड़ों की सारी रूकावट ख़त्म हो जाती है और साँसों का बिना किसी अवरोध के आना जाना शुरू हो जाता है।

* जीवनशैली होती है व्यवस्थित :

भागदौड़ और व्यस्तता से भरी जीवनशैली में अनावश्यक और अनियंत्रित खानपान से आपकी पूरी दिनचर्या और अन्य चीजें प्रभावित होती है। ऐसे में नवरात्रि के उपवास के दौरान आप अपनी इस जीवनशैली और आहार योजना को व्यवस्थित कर सकते हैं। नवरात्रि के इन नौ दिनों में उपवास कर आप पेट संबंधी समस्याओं से निजात पा सकते हैं। इस दौरान समय-समय पर हल्का और पौष्टिक आहार लेकर आप गैस, मितली, एसीडिटी, दस्त, पेशाब में जलन जैसी समस्याओं को समाप्त कर सकते हैं।

* तेज दिमाग :

मन की शांति तथा तेज दिमाग के लिए उपवास करना लाभदायक होता है। उपवास करने से आदमी अपने आप को हल्का महसूस करने लगता है। शरीर से टॉक्सिक केमिकल्स का निकास होता है।

* पानी की कमी को पूरा करें :

उपवास के दौरान आप फलाहार के अलावा खाने पीने पर अधिक ध्यान नहीं देते, जबकि तरल पदार्थों का सेवन अधिक करते हैं। इस तरह से आपके शरीर में पानी की कमी भी पूरी होती है और त्वचा हाइड्रेट होती रहती है। उपवास करने से मेटाबोलिज्म खास प्रभावी होता है। जिससे हार्मोन्स, गुर्दे, लीवर, आरबीसी इत्यादि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।