कोरोना के बाद से ही लोग अपनी सेहत और इम्यूनिटी को लेकर सतर्क रहने लगे हैं। इसके लिए लोग अपनी दिनचर्या में जितना हो सके आयुर्वेदिक चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि किसी प्रकार के भी साइड इफ़ेक्ट से बचा जा सकें। इन दिनों में गिलोय जो कि एक आयुर्वेदिक हर्ब है का इस्तेमाल भी बहुत बढ़ गया हैं। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लोग जहां तरह-तरह की दवाइयों और महंगी डाइट पर भरोसा दिखा रहे हैं, वहीँ गिलोय इसे बढ़ाने का सस्ता और नेचुरल उपाय भी है। गिलोय की पत्तियों में कैल्शियम, प्रोटीन, फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसका नियमित इस्तेमाल व्यक्ति को कई तरह की बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह गिलोय का सेवन कई खतरनाक बीमारियों से सुरक्षा कर सकता हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...
डायबिटीज में फायदेमंद
गिलोय एक हायपोग्लाइसेमिक ड्रग की तरह काम करता है और डायबिटीज के उपचार में मदद कर सकता है। हाय ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए इसका जूस पीने से लाभ होता है।
पीलिया में फायदेमंद
ऐसे मरीजों के लिए भी गिलोय के पत्ते को फायदेमंद माना जाता है। कुछ लोग इसे चूर्ण के रूप में लेते हैं तो कुछ इसकी पत्तियों को पानी में उबालकर पीते हैं। अगर आप चाहें तो गिलोय की पत्तियों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं।
हिचकी में फायदेमंद
गिलोय तथा सोंठ के चूर्ण को नसवार की तरह सूँघने से हिचकी बन्द होती है। गिलोय चूर्ण एवं सोंठ के चूर्ण की चटनी बना लें। इसमें दूध मिलाकर पिलाने से भी हिचकी आना बंद हो जाती है। गिलोय के फायदे का सही मात्रा में उपयोग तभी हो सकता है जब आप उसका सही तरह से प्रयोग करेंगे।
खून होता हैं साफ
गिलोय एंटीऑक्सिडेंट की तरह काम करती है जो कि झुर्रियों से लड़ने में मदद करने के साथ कोशिकाओं को स्वस्थ और निरोग रखने में भी अहम भूमिका निभाती है। गिलोय की पत्तियां शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालकर खून को भी साफ करती हैं।
आर्थराइटिस में फायदेमंदगिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-अर्थरिटिस प्रॉपर्टीज होती हैं जो आर्थराइटिस का उपचार करने के और इसके लक्षणों को दूर करने में सहायक हैं। जोड़ों में दर्द के लिए गिलोय के तने के भाग को दूध के साथ उबाला जाता है और फिर इसका सेवन किया जाता है।
स्किन एलर्जी में फायदेमंद
हाथ-पैरों में जलन या स्किन एलर्जी से परेशान लोग भी इसे डाइट में शामिल कर सकते हैं। ऐसे लोगों के लिए गिलोय बहुत फायदेमंद है। गिलोय की पत्तियों को पीसकर उसका पेस्ट तैयार कर लें और उसे सुबह-शाम पैरों पर और हथेलियों पर लगाएं।
कान की बीमारी में फायदेमंद
गिलोय के तने को पानी में घिसकर गुनगुना कर लें। इसे कान में 2-2 बूंद दिन में दो बार डालने से कान का मैल निकल जाता है। कान के बीमारी से राहत पाने के लिए सही तरह से इस्तेमाल करने पर गिलोय के फायदे मिल सकते हैं। गिलोय का औषधीय गुण बिना कोई नुकसान पहुँचाये कान से मैल निकालने में मदद करते हैं, इससे कानों को नुकसान भी होता है।
कैसे करें गिलोय का सेवन
बुखार में गिलोय का सेवन पाउडर, काढ़ा या रस के रूप में किया जाता है। इसके पत्ते और तने को सुखाकर पाउडर बनाया जाता है। वहीं बाजार में गिलोय की गोली भी मिलती हैं। गिलोय का एक दिन में 1 ग्राम से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
कैसी होती हैं गिलोय की तासीर
किसी भी चीज का सेवन करने से पहले उसके होने वाले असर और तासीर को जानना बेहद आवश्यक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि गिलोय का इस्तेमाल हर मौसम के लिए अच्छा नहीं होता है। आयुर्वेद में गिलोय की तासीर को बहुत ही गर्म बताया गया है। इसीलिए सर्दी-जुकाम और बुखार में यह लाभकारी होता है।