आपको कैंसर की ओर ढकेल रहे हैं ये आहार, जितना जल्दी हो बनाएं इनसे दूरी

कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसका नाम ही डराने के लिए काफी है। दिन प्रतिदिन कैंसर पीड़ितों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। कैंसर आपकी अस्वस्थ जीवन शैली के कारण पनपने वाली बीमारी हैं जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि धूम्रपान, तंबाकू, शारीरिक स्थिरता, अनप्रोटेक्टेड सेक्स आदि। हांलाकि आप प्रमुखता से नहीं बता सकते हैं कि कैंसर के पीछे का कारण क्या हैं। इन्हीं में से एक अस्वस्थ खानपान की आदत भी हो सकती हैं। जी हां, कुछ आहार ऐसे है जिनका सेवन आपको कैंसर की ओर ढकेलने का काम करते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे ही आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका सेवन कम करना या उनसे पूरी तरह से बचना सबसे अच्छा रहता है। आइये जानते हैं इन आहार के बारे में...

जंक फूड या फास्ट फूड

इस कैटेगरी में चिकन, चिप्स, कुरकुरे, पिज्जा और बर्गर होते हैं। ये प्रोसेस्ड फूड्स फैट और शुगर से भरे होते हैं। इससे कोलोरेक्टल, श्वसन तंत्र, होंठ, मुंह, जीभ, नाक, गला, वोकल कॉर्ड्स और अन्नप्रणाली और श्वासनली के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

संसाधित मांस

स्मोकिंग और साल्टिंग द्वारा प्रिजर्व यानी संरक्षित किया गया है, वो आपकी सेहत के लिए अस्वस्थ है। ये फूड आपका वजन बढ़ने से लेकर कैंसर तक की स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को जन्म दे सकता है। प्रोसेस्ड मीट से एक कंपाउंड यानी यौगिक उत्पन्न होता है जो कार्सिनोजेन्स हो सकता है। यह एक व्यक्ति को कोलोरेक्टल और पेट के कैंसर के विकास के जोखिम में डाल सकता है। प्रोसेस्ड मीट जैसे हॉट डॉग, सलामी और सॉसेज के बजाय घर पर ही मीट पकाएं।

अल्कोहल

शराब कैंसर के साथ और कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ये पेट, स्तन, लीवर, मुंह और गले के कैंसर का कारण बन सकता है। इससे एसीटैल्डिहाइड रसायन होता है, जिससे डीएनए को नुकसान पहुंचता है, जिससे शरीर की रिकवरी रुक जाती है।

शुगर और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट

शुगरी फूड्स और रिफाइंड और प्रोसेस्ड कार्ब्स अप्रत्यक्ष रूप से आपके कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। अधिक मात्रा में मीठा, स्टार्चयुक्त फूड्स खाने से आपको टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे के विकास का खतरा बढ़ सकता है। 2020 के एक अध्ययन के अनुसार, दोनों स्थितियां सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ावा देती हैं। यह कुछ प्रकार के कैंसर के लिए आपके जोखिम को बढ़ा सकता है।

ओवरकुक्ड फ़ूड

कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें ओवरकुक करने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 2020 में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार मीट को हाई हीट पर ओवरकूक करने से कार्सिनोजेनिक PAHs और हेटेरोसाइक्लिक एमिनेस बनते हैं। वहीं इस प्रकार के सब्सटेंस डीएनए सेल्स को प्रभावित करते हुए कैंसर की संभावना को बढ़ावा देते हैं। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा प्रकाशित डेटा के अनुसार पोटैटो को ओवरकुक करने से भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

डिब्बाबंद और पैक्ड फूड

डिब्बाबंद या पैक्ड खाद्य पदार्थ खाने का ट्रेंड भारत में धीरे-धीरे और लगातार बढ़ रहा है। अब आप मार्केट के गलियारे में हर चीज को पैक्ड प्रोडक्ट्स में आसानी से पा सकते हैं जिन्हें पकाना भी बहुत आसान है। झटपट पोहा, नूडल, इडली, उपमा, पास्ता पैक्ड फूड्स की कई वैरायटी हैं, जिनमें से आप किसी को भी चुन सकते हैं। सच कहें तो ये खाना पकाने की प्रक्रिया को परेशानी मुक्त बना सकता है, लेकिन यह कैंसर के विकास के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।

डेयरी प्रोडक्ट

दूध, दही, और योगर्ट जैसे डेहरी प्रोडक्ट्स का अधिक सेवन प्रोस्टेट कैंसर की संभावना को बढ़ा देता है अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन द्वारा 2014 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से डेहरी प्रोडक्ट्स कि सेवन से शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है और जिसकी वजह से प्रोस्टेट कैंसर सेल्स का प्रोडक्शन बढ़ जाता है और प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना लंबे समय तक बनी रहती है। इसलिए इस तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन हमेशा एक सीमित मात्रा में ही करें। इनकी अधिकता न केवल कैंसर का खतरा बढ़ाती है, बल्कि पाचन क्रिया के लिए भी स्वस्थ नहीं होती।

तला हुआ खाना

तले हुए खाद्य पदाथों का अत्यधिक सेवन से शरीर में कैंसर कोशिकाओं के विकार का कारण बन सकते हैं। जब आलू या मीट जैसे खाद्य पदार्थों को उच्च तापमान पर तला जाता है, तो एक्रिलामाइड नामक यौगिक बनता है। शोध के हवाले से डॉक्टर पर्व कहते हैं कि इस यौगिक में कार्सिनोजेनिक गुण होते हैं और यहां तक कि डीएनए को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा, तले हुए खाद्य पदार्थ शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को भी बढ़ा सकते हैं जो कैंसर कोशिकाओं के विकास से जुड़े होते हैं। खाद्य पदार्थों को तलने के बजाय कुकिंग के दूसरे तरीकों को खोजें।