सिर्फ 5 मिनट में होगी अब कैंसर की पहचान, जानें किस तरह

कैंसर आज के समय में देश-दुनिया के लिए बहुत बड़ी मुश्किल बनता जा रहा हैं और इससे होने वाले मौत की तादाद समय के साथ बढती ही जा रही हैं। कैंसर भी कई तरह के होते हैं जिसमें से एक हैं आहार नली का कैंसर जिससे हर साल 42 हजार मौतें होती हैं और 47 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं। 50 फीसदी से ज्यादा लोग आहार नली कैंसर के लक्षणों को नहीं पहचान पाते हैं। जो कि आगे बढ़कर जानलेवा साबित होता है। ऐसे में हाल ही में नीदरलैंड के रैडबाउड इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ साइंसेज के वैज्ञानिकों द्वारा कृत्रिम बुद्धिमता (AI) की मदद से एक इलेक्ट्रॉनिक नाक तैयार की जा रही हैं जो सांस की गंध पहचानकर पता कर लेगी कि संबंधित व्यक्ति को आहार नलिका का कैंसर है या नहीं।

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ब्रिटेन के चैरिटी कैंसर रिसर्च के अनुसार आहार नलिका के आसपास मौजूद कोशिकाएं अनियंत्रित हो जाती है जिसके कारण आहार नली में कैंसर होने की संभावना 11 फीसदी बढ़ जाती है। रैडबाउड इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ साइंसेज के प्रो। पीटर सियरसेमा का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक नोज (नाक) व्यक्ति की सांस से पांच मिनट में पता कर लेगी कि उसे आहार नलिका में कैंसर है या नहीं।

वैज्ञानिकों ने एआई युक्त इलेक्ट्रॉनिक नाक का अध्ययन 402 लोगों पर किया है। दो से तीन साल में ये तकनीक इस्तेमाल होगी। अभी कैंसर की पहचान के लिए इंडोस्कोपी की जाती है। ये प्रक्रिया जटिल होने के साथ काफी महंगी है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एडवांस्ड मेडिकल एंड हेल्थ रिसर्च के अनुसार असम, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, जम्मू-कश्मीर में ऐसे कैंसर के मामले अधिक हैं। पंजाब, लुधियाना समेत अन्य राज्यों में भी बीड़ी, हुक्का का इस्तेमाल अधिक होने से इसके मामले सामने आने लगे हैं।