दैनिक जीवन में होने वाली गंभीर बीमारियों में से एक हैं कैंसर जो कि दुनिया में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। हर दिन लाखों लोग कैंसर की चपेट में आ रहे हैं और धीरे-धीरे मौत की मुंह में समा रहे हैं। कैंसर की समस्या में शरीर में पुरानी कोशिकाएं क्षतिग्रस्त नहीं होती हैं और नई कोशिकाओं का भी निर्माण होता रहता है। असामान्य रूप से बढ़ने वाली ये कोशिकाएं कैंसर का रूप लेती है। इस बीमारी को समय रहते पहचान करके उचित इलाज लिया जाए तो हराया जा सकता हैं। खासतौर से महिलाओं को संभलने की जरूरत होती हैं क्योंकि वे शरीर में दिखे परिवर्तनों को नजरअंदाज कर देती हैं और खतरा बढ़ता चला जाता हैं। आज हम आपको महिलाओं में दिखने वाले कैंसर के शुरुआती लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं...
स्तन में गांठ या वृद्धि
2020 के आंकड़ों के अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैंसर से लगभग 10 मिलियन मौतें होती हैं, जिनमें से 2.26 मिलियन मामले स्तन कैंसर के हैं। स्तन कैंसर के सबसे आम लक्षणों में से एक है स्तन में गांठ, निप्पल में बदलाव या मोटा होना,निप्पल से डिस्चार्ज होना या कोई असामान्य वृद्धि जिसे आप महसूस कर सकते हैं। गांठ मुलायम हो सकती है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आप डॉक्टर से परामर्श करें।
योनि से असामान्य रक्तस्राव
पीरियड्स के अलावा या यौन संबंध के दौरान ब्लीडिंग होना सर्वाइकल व वजाइनल कैंसर का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, एंडोमेट्रियल कैंसर से पीड़ित 90 फीसदी से अधिक महिलाओं को भी अनियमित रक्तस्राव का अनुभव होता है। रजोनिवृत्ति के बाद भी महिलाओं में कैंसर होने पर रक्तस्त्राव या स्पॉटिंग हो सकती है। अगर योनि से होने वाला स्त्राव गहरा, बदबूदार और रक्त के रंग का होता है, तो भी यह सर्वाइकल, योनि और एंडोमेट्रियल कैंसर का संकेत हो सकता है।
वजाइनल डिस्चार्ज
महिलाओं में वजाइनल डिस्चार्ज (सफेद पानी का आना) एक सामान्य और नियमित होने वाली क्रिया है। लेकिन इसकी मात्रा, रंग या गंध में कोई भी परिवर्तन एक समस्या का संकेत हो सकता है। दुर्गंधयुक्त, झागदार, पीले या हरे रंग का डिस्चार्ज किसी संक्रमण या एंडोमेट्रियल कैंसर की चेतावनी हो सकती है। कुछ मामलों में, सर्वाइकल कैंसर में गुलाबी, भूरे या खूनी डिस्चार्ज भी होते हैं।
पेल्विस व पेट में दर्द
गैस, अपच व सूजन के कारण पेट में दर्द या बेचैनी महसूस हो सकती है। इसके अलावा, मासिक धर्म की वजह से भी इन क्षेत्रों में दर्द महसूस होता है। वहीं, अगर पेट, पेल्विक व पीठ में लंबे समय तक दर्द या दबाव रहता है, तो यह कई तरह के कैंसर का संकेत हो सकता है। इसमें कोलोरेक्टल, ओवेरियन और एंडोमेट्रियल कैंसर शामिल हैं। रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर होने पर भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। अगर पेट के ऊपरी हिस्से का दर्द पीठ तक फैलता है, साथ ही लगातार वजन भी घट रहा है, तो यह अग्नाशय कैंसर का लक्षण हो सकता है।
थकान और अचानक से वजन का घटना
अधिकांश कैंसर में व्यक्ति में थकान और अचानक से वजन घटने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि ये कमजोरी या किसी अन्य बीमारी के भी सामान्य लक्षण हो सकते हैं। इसलिए इसकी वजह को सुनिश्चित करना जरूरी होता है। यदि आप अच्छी नींद ले रहे हैं या अधिक सो रहे हैं और फिर भी थकावट महसूस कर रहे हैं, तो आपको चेकअप कराना चाहिए।
पेट में भारीपन
मासिक धर्म से पहले या भारी भोजन करने के बाद पेट का फूला हुआ महसूस होना सामान्य है। वहीं, अगर कुछ हफ्तों तक लगातार पेट में सूजन या फूला हुआ महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। यह ओवेरियन या किसी अन्य प्रकार के कैंसर का संकेत हो सकता है। ओवेरियन कैंसर होने पर पेट में सूजन के साथ ही दबाव भी महसूस हो सकता है। इस स्थिति में पेट जरूरत से ज्यादा भरा हुआ लग सकता है।
त्वचा में परिवर्तन
स्किन कैंसर एक तिल की तरह दिख सकता है, जो बड़ा होता जाता है। यह एक घाव के रूप में भी नजर आ सकता है, जो ठीक नहीं होता है। ये निशान लाल रंग के धब्बे की तरह दिखाई दे सकते हैं। इस स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है।
सांस की तकलीफ और तेज खांसी
फेफड़ों के कैंसर का पहला लक्षण लंबे समय तक रहने वाली खांसी, बिना किसी कारण के सांस लेने में तकलीफ, खून के साथ कफ या बलगम और सीने में दर्द है। इन शुरुआती संकेतों को अक्सर नियमित खांसी या मौसम में बदलाव के रूप में गलत समझा जा सकता है, बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से जांच कराएं।
रंग-रूप में परिवर्तन
निजी अंगों में कोई असामान्य वृद्धि, घाव या चकत्ते वुल्वर कैंसर का संकेत हो सकता है। इस तरह के परिवर्तनों की निगरानी की जानी चाहिए और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यह त्वचा के कैंसर का संकेत भी हो सकता है। यदि आप एक तिल को देखते हैं जो रंग, आकार बदलता है या आपके शरीर पर मस्से जहां तहां निकलने लगते हैं, तत्काल रूप से जांच करवाएं।