कैसा होना चाहिए कीमोथेरेपी के बाद आपका आहार? यहां जानें उचित जानकारी

कैंसर जो एक जानलेवा बीमारी हैं और इससे बचने के लिए कीमोथेरेपी का ट्रीटमेंट लिया जाता हैं। कीमोथेरेपी का उद्देश्य कैंसर कोशिकाओं के विकास को धीमा करना या रोकना होता है। कीमोथेरेपी या विकिरण चिकित्सा या इलाज के पश्चात होने वाला संक्रमण चिंता का कारण बन सकता हैं। इससे उभरने के लिए आपको अक्सर सामान्य से अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है, क्योंकि कीमोथेरेपी के बाद शरीर बहुत कमजोर हो जाता है। इलाज पूरी तरह असरदार हो, इसके लिए जरूरी है कि आहार में कुछ सावधानियां बरती जाएं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कीमोथेरेपी के बाद आपका आहार कैसा होना चाहिए और किन चीजों को शामिल किया जाना चाहिए।

प्रोटीन युक्त आहार

मांसपेशियों के विकास और काम के लिए ऊर्जा प्राप्त करने के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी है। इसके अलावा घाव भरने, बीमारी से लड़ने और खून का थक्का जमने आदि विभिन्न शारीरिक क्रियाओं के लिए भी प्रोटीन अनिवार्य है। अंडा, मीट, मसूर की दाल, मटर, बींस, सोया और नट्स आदि प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं।

सब्जियां

आहार में रोजाना कम से कम 2.5 कप सब्जियों का सेवन करना चाहिए। कच्ची और पकी हुई सब्जियां दोनों तरह की खाई जा सकती हैं। साथ ही हरी और पीली सब्जियां, बीन्स, मटर और दाल को अपने आहार में शामिल करें और इनका नियमित रूप से सेवन करें।

तरल पदार्थ

कैंसर के मरीजों को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करना जरूरी है। इससे डीहाइड्रेशन का डर नहीं रहता है और उनके संपूर्ण स्वास्थ्य की स्थिति बेहतर होती है। अधिक तरल पदार्थ लेने से उचित मात्रा में यूरिन निकलता है और शरीर से विषैले पदार्थ भी निकल जाते हैं। यह भी महत्वपूर्ण है कि आसानी से पचने वाले आहार लें। तली-भुनी, बहुत मसालेदार या फिर अधिक ठोस आहार न लें। कम मात्रा में अधिक बार खाने से पाचन आसान हो जाता है और पेट भी भारी नहीं लगता। इससे मितली या उल्टी का डर भी कम हो जाता है।

मीट

यदि आप नॉनवेज खाना चाहते हैं, तो बिना छिलके वाले स्किन मांस और छोटे-छोटे पीस (लगभग 170 से 200 ग्राम प्रतिदिन) ही खाएं। रेड मीट को प्रति सप्ताह आधा किलो से अधिक न खाएं। नॉन-वेज को पकाने के लिए कम वसा वाले खाना पकाने के तरीकों का प्रयोग करें, जैसे कि बॉयलिंग, स्टीमिंग, ग्रिलिंग और रोस्टिंग।

ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन करें

ठंडे खाद्य पदार्थों की गंध कम होती हैं और विशेष रूप से उस समय महत्वपूर्ण हैं, जब आपको मतली महसूस होती है। गर्म खाद्य पदार्थों में अधिक स्पष्ट गंध हो सकती है, इसलिए कुछ खाद्य पदार्थों को खाने में समस्या हो सकती है।

फलों का सेवन

कैंसर के उपचार के दौरान कीमोथेरेपी और रेडिएशन जैसे कैंसर उपचार कई दुष्प्रभाव पैदा करते हैं, जिनसे निपटने और उपचार के दुष्प्रभावों में कमी के लिए आपका खानपान बहुत मायने रखता है। कीमोथेरेपी और रेडिएशन के सामान्य दुष्प्रभावों में थकान, खून की कमी, जी मिचलाना, उल्टी, भूख में बदलाव, दस्त, कब्ज, मुंह का सूखना, मुंह में छाले, तनाव आदि शामिल हैं। ऐसे में फलों के साथ पौष्टिक खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने से कैंसर उपचार के दौरान आपके शरीर को विटामिन, खनिज, और एंटीऑक्सिडेंट की आपूर्ति करने में मदद मिलती है।

पोषक तत्वों से भरपूर आहार

शरीर को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक विटामिन और मिनरल्स युक्त पोषक तत्वों के साथ ही फाइबर युक्त फूड्स का सेवन करना चाहिए, जैसे - गेहूं की रोटी, जई, ब्राउन राइस या अन्य साबुत अनाज खाएं। ये खाद्य पदार्थ कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज और फाइबर की आवश्यकता को पूरा करने में समर्थ हैं। इसके अलावा, ओमेगा-3 फैटी एसिड और हेल्दी वसा की कमी को पूरा करने के साथ ही शरीर में एनर्जी बनाएं रखने के लिए मछली और अखरोट जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए।