दिल्ली-एनसीआर में लोगों को स्मॉग के कारण आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत हो रही है। प्रदूषण, धुएं और धुंध से मिलकर बनी हवा को स्मॉग कहते है। स्मॉग के कारण दृश्यता बेहद कम हो जाती है। स्मॉग व पॉल्यूशन सबसे ज्यादा नुकसान शरीर को पहुंचाता है। इसके कारण सांस लेने में परेशानी, गले में जकड़न, लंग कैंसर, हार्ट डिजीज, रेस्पिरेटरी इंफेक्शन जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए, फेफड़ों से प्रदूषित हवा को निकालना बहुत जरूरी है।
फेफड़ों से गंदगी निकालकर उन्हें साफ किया जा सकता है। बस इसके लिए आपको कुछ घरेलू उपाय अपनाने होंगे। मेडिकल न्यूज टुडे के अनुसार, जब हमारे फेफड़ों या रेस्पिरेटरी सिस्टम में गंदगी के कण पहुंच जाते हैं, तो उसे रोकने के लिए शरीर बलगम का उत्पादन करता है। जिसे निकालने के लिए खांसी आती है। इसलिए खांसी को फेफड़े साफ करने का नैचुरल तरीका माना जाता है। अगर आप स्मॉग या दिल्ली के प्रदूषण के संपर्क में आते हैं, तो कुछ सेकेंड नियंत्रित खांसें। इससे गले, सांस की नली और फेफड़ों में फंसे प्रदूषण के कण निकल जाएंगे।
गर्म पानी की भापगर्म पानी की भाप लेना वायुमार्ग को खोलने के लिए सबसे बढ़िया और आसान तरीका है। इससे सांस लेने में सुधार तो होता ही है साथ ही फेफड़ों से प्रदूषण और स्मॉग को निकालने में मदद मिलती हैं। भाप के कण आपकी नली को रिलैक्स करते हैं और बलगम ढीला हो जाता है। इससे प्रदूषण के कण भी बलगम के साथ बाहर आ जाते हैं। गर्म पानी का भाप लेने के लिए एक पतीले में पानी गर्म करना है और सिर के ऊपर एक तौलिया रखकर भाप लेनी है।
गुड़ का सेवन करेंगुड़ का सेवन पॉल्यूशन के साइड इफेक्ट से बचने में मदद करता है। क्योंकि, गुड़ की मदद से शरीर के अंदर मौजूद खतरनाक कण और टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते अं। इसके लिए आप सुबह एक गिलास गुनगुने पानी के साथ थोड़ा गुड़ जरुर खाएं।
ग्रीन टीग्रीन टी में कई एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो फेफड़ों में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। ये तत्व फेफड़ों के टिश्यू को धुएं के सांस लेने के हानिकारक प्रभावों से भी बचा सकते हैं। ऐसे में आपको रोजाना कम से कम 2 कप ग्रीन टी पीना चाहिए।
शहद खाएंशहद खाने से गले में अटकी प्रदूषण की गंदगी बाहर निकल जाती है। शहद अपने साथ गंदगी को पेट में ले जाता है, जहां से वह अन्य वेस्ट मटेरियल के साथ शरीर से बाहर निकल जाती है। शहद खाने से फेफड़ों व सांस की नली की सूजन भी खत्म होती है।
एंटी इंफ्लेमेटरी फूड खाएंवायुमार्ग की सूजन सांस लेने में कठिनाई कर सकती है और छाती को भारी बना सकती है। फेफड़ों में जमा पॉल्यूशन को बाहर निकालने के लिए आपको एंटी इंफ्लेमेटरी फूड (जैसे हल्दी, पत्तेदार साग, चेरी, ब्लूबेरी, जैतून, अखरोट, सेम और दाल) का सेवन बढ़ा देना चाहिए।
व्यायाम करेंनियमित व्यायाम करने से आपकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। ऐसे में फेफड़ों में जमा गंदगी को दूर करने के लिए बढ़िया और कारगर तरीका कोई और नहीं है। नियमित व्यायाम करने से शरीर की सांस लेने की दर बढ़ जाती है और मांसपेशियों को ऑक्सीजन की अधिक आपूर्ति होती है।
अदरक वाली चायअदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं। अदरक शरीर में मौजूद टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही अदरक में पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक और बीटा कैरोटीन पाए जाते हैं। इसके लिए फेफड़ों को स्वस्थ और साफ रखने के लिए नियमित अदरक वाली चाय पीनी चाहिए। आप चाहे तो अदरक का जूस निकालकर उसे शहद के साथ सेवन कर सकते हैं।
दालचीनी वाली चाय पिएंफेफड़ों को साफ़ करने में अहम भूमिका निभाती है दालीचीनी। इसका सेवन फेफड़ों को स्वस्थ और साफ़ रखता हैं। इसके लिए एक गिलास पानी में दालीचीनी के एक छोटे टुकड़े को डालकर उबालें। जब पानी आधा हो जाए, तो इसका सेवन करें।
मुलेठी की चायस्मॉग और प्रदूषण आपके फेफड़ों के टिशू को नुकसान पहुंचाते है ऐसे में मुलेठी की चाय आपके फेफड़ों की रक्षा करती है। मुलेठी की चाय सांस और संक्रमण की परेशानी से निजात दिलाने में मदद करती है। इससे श्वसन प्रणाली भी बेहतर होती है।
घर में एयर प्यूरीफायर लगाएं
बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए स्कूल बंद करने के साथ घर पर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल भी करना चाहिए। यह घर के अंदर की हवा को साफ करता है, जिससे आपको सांस लेने में परेशानी नहीं होती और हेल्दी एयर मिलती है। स्मॉग और पॉल्यूशन के दौरान आपके लिए यह डिवाइस लाइफ सेवर का काम कर सकता है।