कोरोना वैक्सीन पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दी खुशखबरी, जानें कब तक होगा संक्रमण नियंत्रित

कोरोना का बढ़ता संक्रमण आमजन की चिंता बढ़ा रहा हैं। देश में लगातार कोरोना नए रिकॉर्ड बना रहा हैं। बीते दिन कोरोना के 80 हजार से अधिक मामले आए थे। देश में 35 लाख से भी ऊपर लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हुए हैं। हांलाकि 27 लाख से अधिक लोग ठीक भी हुए हैं। करीब 8 लाख मामले सक्रिय हैं। ऐसे में सभी को कोरोना की वैक्सीन का इंतजार हैं ताकि इसके डर को हमेशा के लिए दूर किया जा सकें। इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक खुश करने वाला दावा किया है। उनका कहना है, 'दीवाली तक हम कोरोना संक्रमण के प्रसार को काफी हद तक नियंत्रित कर लेंगे।'

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनंतकुमार फाउंडेशन द्वारा आयोजित 'नेशन फर्स्ट' वेब सेमिनार में डॉ। हर्षवर्धन ने कहा, 'कुछ समय बाद कोरोना वायरस भी अतीत में आए अन्य वायरस की तरह सिर्फ स्थानीय समस्या बनकर रह जाएगा, लेकिन इस वायरस ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। अब हम सभी लोगों को अपनी जीवनशैली को लेकर ज्यादा सावधान और सजग रहने की जरूरत है।'

डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना वैक्सीन को लेकर कहा कि इस साल के अंत तक टीका विकसित कर लिए जाने की उम्मीद है। आपको बता दें कि देश में कोराना की तीन-तीन वैक्सीन पर तेजी से काम हो रहा है। ये तीनों वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल यानी मानव परीक्षण के अलग-अलग चरण में हैं। एक का नाम कोवैक्सिन (Covaxin) रखा गया है, जिसे भारत बायोटेक और आईसीएमआर द्वारा विकसित किया जा रहा है। वही, दूसरी वैक्सीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) है, जिसे जायडस कैडिला बना रही है और तीसरी वैक्सीन कोविशील्ड रखा गया है। इस वैक्सीन को ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है, जिसके उत्पादन की जिम्मेदारी भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को मिली है।

सबसे पहले कौन सी वैक्सीन मिलेगी?

भारत में सबसे पहले ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन 'कोविशील्ड' मिलने की उम्मीद है। फिलहाल इसके दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। माना जा रहा है कि दिसंबर तक यह वैक्सीन बाजार में आ जाएगी। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और गावी के साथ साझेदारी के तहत भारत और निम्न आय वाले देशों के लिए वैक्सीन की 10 करोड़ डोज के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।

कोवैक्सिन का ट्रायल कहां तक पहुंचा?

भारत बायोटेक कंपनी और आईसीएमआर के सहयोग से विकसित इस वैक्सीन के पहले चरण का ट्रायल पूरा हो चुका है और दूसरे चरण के ट्रायल की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि दूसरे चरण का ट्रायल सितंबर में हो सकता है। इसके लिए वॉलंटियर्स (स्वयंसेवकों) की पहचान की जा रही है।

जायकोव-डी का ट्रायल कहां तक पहुंचा?

अहमदाबाद की फार्मा कंपनी जायडस कैडिला की वैक्सीन का फिलहाल दूसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। कंपनी के चेयरमैन पंकज आर। पटेल के मुताबिक, पहले चरण में वैक्सीन सुरक्षित पाई गई है। जिन लोगों को भी वैक्सीन की डोज दी गई थी, उन्हें डॉक्टरों की टीम द्वारा निगरानी में रखा गया था, लेकिन किसी में भी कोई साइड-इफेक्ट देखने को नहीं मिला था।