नई रिपोर्ट में हुआ मोटे लोगों को लेकर कोरोना के खतरे का खुलासा!

जब से कोरोना की शुरुआत हुई हैं तब से इसको लेकर लगातार शोध और अध्ययन किए जा रहे हैं ताकि इसकी उचित जानकारी प्राप्त कर इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकें। ऐसे में कोरोना से जुड़ी अब तक कई रिपोर्ट सामने आई हैं जो बेहद मददगार साबित हुई हैं। ऐसी ही एक रिपोर्ट में मोटे लोगों को लेकर कोरोना से होने वाले खतरे का खुलासा हुआ हैं। यह रिपोर्ट ब्रिटिश स्वास्थ्य विभाग की एक्जीक्यूटिव एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने साक्ष्यों के आधार पर जारी की हैं जिसके अनुसार यह पाया है कि ज्यादा मोटे और वजनी लोगों को कोरोना संक्रमित होने पर अस्पताल में दाखिले और इंटेंसिव केयर यूनिट की जरूरत ज्यादा होती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वजन बढ़ने के साथ-साथ यह खतरा भी बढ़ता जाता है।

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की चीफ न्यूट्रिशियनिस्ट डॉ. एलिसन टेडस्टोन के मुताबिक, स्पष्ट संकेत मिले हैं कि ज्यादा वजन के चलते दूसरी बीमारियों के साथ-साथ कोविड-19 संक्रमण से गंभीर बीमारी और मौत का खतरा ज्यादा होता है। उन्होंने कहा, 'वजन कम करने से स्वास्थ्य को काफी फायदा है- इससे कोविड-19 का खतरा भी कम होता है।'

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की ओर से यह जानकारी ब्रिटिश सरकार के मोटापा कम करने की कोशिशों की अनुमानित घोषणा से ठीक पहले सार्वजनिक हुई है। वैसे यूरोप के देशों में ब्रिटेन में सबसे ज्यादा मोटापा है। इंग्लैंड के व्यस्कों में लगभग दो तिहाई लोग या तो मोटे हैं या उनका वजन ज्यादा है। यही स्थिति वेल्स, स्कॉटलैंड और नॉर्दर्न आयरलैंड की है।

ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सिस्टम के 25 से लेकर 29.9 बॉडी मास इंडेक्स वाले व्यस्कों का वजन ज्यादा है जबकि 30 से 39.9 बॉडी मास इंडेक्स वाले व्यस्क मोटे हैं। किसी भी शख्स के बॉडी मास इंडेक्स को जानने के लिए किलोग्राम में उनके वजन को मीटर में उनकी लंबाई के वर्ग से भाग देते हैं। मोटापे का पता लगाने का दूसरा सामान्य तरीका कमर के साइज से पता लगाना है। 94 सेंटीमीटर से ज्यादा कमर वाले पुरुष और 80 सेंटीमीटर से ज्यादा कमर वाली महिलाओं को मोटापा संबंधी मुश्किलें शुरू हो जाती हैं।

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने अपनी रिपोर्ट में लोगों से मोटापा कम करने की अपील की है ताकि कोविड-19 से भी बचाव हो सके। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सुसन जेब के मुताबिक, अब तक हुए अध्ययनों से बुजुर्गों, पुरुषों, दक्षिण एशियाई मूल के लोगों और एथिनिक समुदाय के लोगों के कोरोना की चपेट में आने का खतरा ज्यादा था।

सुसन बताती हैं, 'इन लोगों के अलावा अब पता चला है कि मोटापा भी एक महत्वपूर्ण फैक्टर है।' सुसन यह भी सलाह देती हैं कि लोगों को अपने लाइफस्टाइल में रिसेट बटन दबाकर मोटापा कम करने पर ध्यान देना चाहिए।