कब मिलने जा रहा हैं दुनिया को कोरोना का टीका? जानें इससे जुड़ी ताजा जानकारी

दुनियाभर में कोरोना का खौफ बढ़ता ही जा रहा हैं। आंकड़ों की बात की जाए तो देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 39 लाख 33 हजार 124 हो गई है। गुरुवार को फिर कारोन ने नया रिकॉर्ड बनाया हैं और 84,156 मरीज सामने आया हैं। मौतों का आंकड़ा भी लगातार डर पैदा कर रहा हैं जिसके अनुसार देश में 68 हजार 569 की जान जा चुकी है। ऐसे में सभी वैक्सीन का इन्तजार कर रहे हैं ताकि इस पर काबू पाया जा सकें। दुनियाभर में वैक्सीन बनाने की कई योजनाओं पर काम चल रहा है। इस रेस में सबसे आगे ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को माना जा रहा है। ड्रग ट्रायल्स को ट्रैक करने वाली एयरफिनिटी नाम की एक कंपनी के मुताबिक, सितंबर के मध्य तक एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन से जुड़ा परिणाम सामने आ सकता है कि वो कोरोना वायरस से लोगों को बचाने में कारगर है या नहीं। इस दवा कंपनी ने इस महीने के अंत तक ब्रिटेन को 30 मिलियन यानी तीन करोड़ वैक्सीन की खुराक देने का वादा किया है।

अमेरिका में एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार की जा रही कोरोना वैक्सीन का ट्रायल तीसरे चरण में पहुंच गया है। कंपनी के मुताबिक, अमेरिका में कुल 80 जगहों पर 30 हजार स्वयंसेवकों पर इसका परीक्षण चल रहा है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ये एलान किया था कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन परीक्षण के तीसरे चरण में पहुंच गई है और वह उन वैक्सीन्स की सूची में शामिल हो गई है, जिसका इस्तेमाल बहुत जल्द कोरोना से लड़ने में किया जाएगा। इसी महीने इसके बाजार में आने की उम्मीद जताई जा रही है।

कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण में पहुंचने वाली अन्य कंपनियों में मॉडर्ना और फाइजर भी हैं। हाल ही में मॉडर्ना इंक (Moderna Inc) ने यह दावा किया था कि उसकी वैक्सीन बुजुर्गों पर भी उतनी ही प्रभावी है, जितनी कि युवाओं पर। बुजुर्गों पर किए गए ट्रायल में इसके उत्साहजनक परिणाम देखने को मिले हैं। कंपनी ने वैक्सीन के शुरुआती ट्रायल का डाटा जारी कर यह जानकारी दी थी।

फिलहाल मॉडर्ना की वैक्सीन mRNA-1273 का तीसरे यानी अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है, जिसमें कुल 30 हजार स्वयंसेवकों को शामिल किया गया है। इस ट्रायल को सितंबर में पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। माना जा रहा है कि कंपनी इस साल दिसंबर तक इस वैक्सीन को बाजार में उपलब्ध करा सकती है।

अमेरिका की फाइजर (Pfizer) कंपनी भी जर्मन बायोटेक कंपनी BioNTech के साथ मिलकर कोरोना की वैक्सीन पर काम कर रही है। फाइजर ने अमेरिकी सरकार के साथ लगभग 195 करोड़ वैक्सीन की खुराक देने के लिए साझेदारी की है। माना जा रहा है इस वैक्सीन को अक्तूबर तक नियामक एजेंसी से मंजूरी मिल जाएगी, जिसके बाद यह आम लोगों के लिए भी उपलब्ध हो सकेगी।