पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से तकरीबन 7000 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में इस वायरस से तीन मौतें हुई है। भारत में आज तीसरे मरीज की मौत हुई है। इन मौतों में सबसे बड़ी बात जो सामने आ रही है वे यह की इन तीनों की उम्र 60 से ऊपर थी। मंगलवार को मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल में 64 वर्षीय मरीज की मौत हुई। इससे पहले दिल्ली में 68 उम्र की महिला और कर्नाटक में 76 साल के बुजुर्ग की मौत हुई थी। भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत 13 मार्च को कर्नाटक के कलबुर्गी में हुई। यहां 76 वर्षीय बुजुर्ग ने दम तोड़ा था। दिल्ली में 68 वर्षीय महिला की मौत हुई। वह डायबिटीज और हाइपरटेंशन से भी पीड़ित थीं। अब मुंबई में 64 वर्षीय मरीज की जान गई है। इन तीनों केसों को देखें तो पता चलता है कि कोरोना से सबसे अधिक खतरा बुजुर्गों को है। चीन सहित दूसरे देशों में भी यह ट्रेंड देखने को मिला है। इटली में भी अधिक लोगों की जान जाने के पीछे एक कारण देश में बुजुर्ग आबादी अधिक होना ही बताया जा रहा है।
डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना से सबसे अधिक खतरा अधिक उम्र के लोगों को है। इसके अलावा उन लोगों के लिए भी यह बीमारी मारक साबित हो रही है, जो पहले से ही दूसरी बीमारियों से लड़ रहे हैं। दिल के मरीज, कैंसर पीड़ित या डायबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए कोरोना जानलेवा साबित हो रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चीन में कोरोना संक्रमित मरीजों पर स्टडी के बाद जो रिपोर्ट दी है उसके मुताबिक, कोरोना से अधिक खतरा उन लोगों को है जो पहले ही बीमार हैं। सबसे अधिक जान उन लोगों की गई जो पहले से ही दिल के मरीज थे या डायबिटीज से पीड़ित थे।रिपोर्ट के मुताबिक, स्टडी में शामिल किए गए लोगों में Covid-19 पीड़ित 88% लोगों को बुखार था। 68% केसों में सूखी खांसी, 38% को थकान, 33% में अधिक थूक बनना, 19%लोगों को सांस लेने में दिक्कत, 14% को गला सूखने और 14% को सिरदर्द और 14% में अन्य लक्षण दिखे।