अध्ययन में हुआ खुलासा, घर के अंदर बहुत तेजी से फैलता हैं कोरोना वायरस

आज पूरी दुनिया में कोरोना का कहर बना हुआ हैं और लोग इसके डर के साए में जी रहे हैं। कोरोना के संक्रमण को देखते हुए लोग सतर्क हुए हैं और सफाई का ध्यान रखते हुए तथा लोगों से दूरी बनाते हुए इस संक्रमण से अपना बचाव कर रहे हैं। वायरस लंबे समय तक एरोसोल कणों पर श्वसन बूंदों और यहां तक कि लिंग के माध्यम से लोगों के बीच फैलता है। यह देखा गया हैं कि लोग बाहर निकलते हैं तो हर सावधानी बरतते हैं लेकिन क्या घर पर यह सावधानी बरती जाती हैं।

एक नए अध्ययन से पता चला है कि कोविड -19 घर के अंदर करीब दो बार संक्रामक है, जैसे कि सार्स जैसी समान बीमारियों की तुलना में, एक कोरोनोवायरस (Coronavirus) रोगी के बहुत पहले रोगाणु फैलने से बहुत ज्यादा लक्षण दिखाई देते हैं।

शोधकर्ताओं जो चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित हैं उन्होंने दावा किया है कि यह खोज आने वाले समय में नए संक्रमण की संख्या को कम करने में हमारी मदद कर सकता है। इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने चीन के गुआंगझोउ शहर में कोरोनावायरस (Coronavirus) से पीड़ित करीब 350 रोगियों और उनके करीब 2 हजार संपर्कों के डेटा का इस्तेमाल किया। पूरे डेटा की समीक्षा करने के बाद वायरस के हमले की दर का अनुमान लगाने में सक्षम थे। शोधकर्ताओं को पता चला कि एक औसत मरीज के पास बीमारियों का संक्रमण होने का केवल 2।4 फीसदी मौका है, जिसके साथ वे नहीं रहते हैं।

इसके साथ ही संक्रमण की संभावना 60 साल से ऊपर के लोगों में सबसे ज्यादा देखी गई थी, और 20 साल से कम उम्र के लोगों में ये समस्या सबसे कम मापी गई थी। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि एक कोविड-19 (COVID-19) रोगी के परिवार के सदस्य या फ्लैटमेट को संक्रमित करने की संभावना काफी ज्यादा मापी गई थी - ये करीब 39 फीसदी था। इससे पहले कि वे बाद में लक्षणों को दिखाना शुरू कर देते थे।