कोरोना अपने पैर पसार रहा है और लगातार लोगों को अपने संक्रमण का शिकार बना रहा हैं। दुनियाभर में कोरोना 2.50 करोड़ के आंकड़े को छू लेगा। शुक्रवार को देश में भी रिकॉर्ड तोड़ 77,266 मामले सामने आए हैं और देश में संक्रमितों का आंकड़ा 34 लाख को पार कर गया हैं। बुजुर्गों या गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को बीमारी जल्दी अपना शिकार बना रही हैं। इसी के साथ ही बच्चों में भी कोरोना के गंभीर संक्रमण को लेकर मन में सवाल हैं। आज इस कड़ी में हम आपको इससे जुड़ी एक रिसर्च की जानकारी देने जा रहे हैं।
ब्रिटेन में गुरुवार को एक रिसर्च स्टडी प्रकाशित हुई है, जिसके मुताबिक बच्चों में कोरोना वायरस का गंभीर संक्रमण बहुत ही दुर्लभ है जबकि कोरोना से उनकी मौत तो और भी ज्यादा दुर्लभ है। यह शोध कोरोना वायरस की वजह से ब्रिटेन के 138 अस्पतालों में भर्ती कराए गए बच्चों पर किया गया है।
शोध के मुताबिक, अस्पतालों में भर्ती कराए गए कुल बच्चों में कोरोना वायरस की वजह से सिर्फ छह की ही मौत हुई, लेकिन वो पहले से ही किसी न किसी अन्य गंभीर बीमारी या स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे थे। इस शोध के नतीजे बीएमजे मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किए गए हैं।
शोधकर्ताओं की टीम का नेतृत्व कर रहे ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ लीवरपूल में आउटब्रेक मेडिसिन एंड चाइल्ड हेल्थ के प्रोफेसर मैलकॉम सेम्प्ले कहते हैं, 'इस शोध के नतीजे देखकर हम निश्चित तौर पर यह कह सकते हैं कि कोरोना वायरस बच्चों को कोई बड़ी हानि नहीं पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि इस शोध से यह पता चलता है कि बच्चों में कोरोना का गंभीर रूप लेना दुर्लभ है और इस वजह से मौतें और भी कम हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बच्चों में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर अगर दुनियाभर के डाटा का अध्ययन किया जाए तो पता चलता है कि इस बीमारी से दुनियाभर में एक से दो फीसदी बच्चे और किशोर ही प्रभावित हुए हैं और उनमें भी जो संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं, उनमें से अधिकतर में या तो कोरोना के मामूली लक्षण हैं या फि कोई लक्षण हैं ही नहीं।