जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ रहे हैं कोरोना का खतरा भी बढ़ता जा रहा हैं। संक्रमण के मामले 40 लाख को पार कर चुके हैं जिसमें से अंतिम 10 लाख सिर्फ बीते 13 दिनों में आए हैं। बीते 24 घंटों में 87 हजार से भी ऊपर मामले आए हैं। कोरोना समय के साथ घातक होता जा रहा हैं जिससे मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा हैं। ऐसे में इससे जुड़े रिसर्च लगातार जारी हैं। संक्रमण से उन लोगों को ज्यादा खतरा बताया जा रहा हैं जिन्हें लिवर, किडनी, हार्ट और फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं हो। डायबिटीज के मरीज के साथ ही अर्थराइटिस यानी गठिया की समस्या से ग्रसित मरीजों के लिए भी यह ज्यादा घातक साबित हो रहा हैं।
दरअसल, गठिया के कारण जोड़ों में दर्द और अकड़न होती है और उम्र बढ़ने के साथ-साथ यह समस्या और भी गंभीर होती जाती है। वैसे आमतौर पर यह समस्या बुजुर्गों में ज्यादातर देखने को मिलती है, लेकिन अब यह 40 साल की उम्र से ऊपर वाले लोगों में भी खूब देखने को मिल रही है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो गठिया और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसके कारण होनेवाला दर्द और सूजन कोरोना वायरस से संक्रमण की स्थिति में और अधिक बढ़ सकते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी पर भी बुरा असर डाल सकते हैं। ऐसी स्थिति में ऑटोइम्यून डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है।
दरअसल, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अपने ही शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को मारने लगती है, जो इस कोरोना काल में खतरनाक साबित हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति इस समस्या से परेशान है तो उसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि कोरोना वायरस से संक्रमण की स्थिति में उस व्यक्ति का शरीर बेहद ही कमजोर हो सकता है और यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो पुरुषों की तुलना में महिलाओं को गठिया अधिक होता है और खासतौर पर उनमें जिनका वजन ज्यादा हो। इसलिए बेहतर है कि गठिया से पीड़ित मरीज कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए घर पर रहें और जितना हो सके सावधानी बरतें।