कोरोना वायरस के खात्मे को लेकर वैज्ञानिकों का दावा

कोरोनावायरस का खतरा आज पूरी दुनिया के लिए बड़ी परेशानी बना हुआ हैं। दुनियाभर में 31 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और मौत का आंकड़ा 2 लाख से कई ऊपर जा चुका हैं। ऐसे में अभी देश-विदेश में लॉकडाउन जारी हैं और इसकी रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं। यह विचार करना जरूरी हैं कि लॉकडाउन के बाद कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण कैसे पाया जाए। हाल ही में, इससे जुड़ी एक रिसर्च में सामने आया हैं कि विशेष तरह की फॉर-यूवी लाइट से माइक्रोब्स को खत्म किया जा सकता है और इससे कोई खतरा भी नहीं है।

हवा में मौजूदगी बढ़ने से वायरस का खतरा और बढ़ेगा। न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक अल्ट्रावॉयलेट लाइट पर काम कर रहे हैं, जिससे अस्पताल, स्कूल, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन को डिसइन्फेक्ट किया जा सकेगा। यूनिवर्सिटी के सेंटर ऑफ रिसर्च स्कूल के निदेशक डॉ. डेविड बर्नर के मुताबिक, यूवी लाइटों का प्रयोग अस्पताल और चिकित्सा शोध संस्थानों में साफ-सफाई के लिए होता है।

डॉ. बर्नर के अनुसार 90 फीसदी वायरस फॉर-यूवीसी लाइट की हल्की डोज से ही मार दिया गया। त्वचा को भी नुकसान नहीं, बंद कमरे की सफाई खुद करनी होगी डॉ. बर्नर का कहना है कि बड़े सार्वजनिक स्थान पर लाइट हानिकारक नहीं है। पर छोटे कमरे में किसी व्यक्ति के छींकने या खांसने पर उस जगह को साफ रखना होगा।

देशों को अभी से लॉकडाउन खुलने के बाद की तैयारी करनी होगी। वायरस मारने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर यूवी लाइट लगानी होगी व अच्छे से सफाई के लिए रोबोट लाने होंगे। साफ सफाई पर अधिक ध्यान देना होगा, नहीं तो दूसरा झटका भी दुनिया को हिला सकता है।