कितनी भी कोशिश कर लें कोरोना का दौर कभी नहीं भुलाया जा सकता हैं क्योंकि हर किसी ने इसकी वजह से किसी अपने को खोया हैं। कोरोना के समय में प्रतिरक्षा प्रणाली अर्थात इम्यूनिटी शब्द हमारी दैनिक बातचीत का हिस्सा बन गया था क्योंकि जिसकी भी इम्यूनिटी कमजोर थी उसे कोरोना ने अपनी चपेट में जल्दी लिया था। लेकिन अब एक बार फिर कोरोना का डर लौटने लगा हैं, ऐसे में हम सभी को कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के संकेतों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। आज इस कड़ी में हम आपको उन संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपकी कमजोर इम्यूनिटी को दर्शाते है। इन संकेतों को जानकर आपको उचित इलाज लेने की जरूरत हैं। आइये जानते हैं इन संकेतों के बारे में...
सुस्ती महसूस करनाशरीर में सुस्ती महसूस करना कमजोर इम्यूनिटी की निशानी है। चूंकि आपका शरीर हमेशा रोगजनकों के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहता है, ऐसे में ऊर्जा की खपत ज्यादा होती है। जिसके कारण आप नियमित नींद के बाद भी थका हुआ और सुस्त महसूस करते हैं।
सूखी आंखेंकमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में यह लक्षण आमतौर पर देखा जाता है। अगर आपको भी अपनी आंखें सूखी-सूखी महसूस हो रही हैं तो समझ जाएं कि इम्यून सिस्टम कमजोर है। इस लक्षण में आपको ऐसा महसूस होगा कि आपकी आंखों में रेत चली गई है और सबकुछ धुंधला धुंधला नजर आ रहा है। ऐसा आमतौर पर कमजोर इम्यून सिस्टम की वजह से होता है, जो आंखों से पानी को सुखा देती है।
बार-बार बीमार पड़नामौसम बदलने पर बीमार पड़ना आम बात है, खासकर सर्दियों के महीनों में। लेकिन अगर आप हर मौसम में बार-बार बीमार पड़ते हैं, तो ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है। इम्यून सिस्टम बैक्टीरिया, वायरस और बीमारी से लड़ता है। अगर आप को अक्सर यूरिन इन्फेक्शन, मुंह के छाले, जुकाम या फ्लू की शिकायत रहती है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
बीमारी पर दवा का भी प्रभाव ना पड़ना बैक्टीरियल इन्फेक्शन आदि होने पर दवा दिए जाने पर भी कुछ बच्चों को आराम नहीं मिल पाता है। यह भी बच्चे की इम्यूनिटी पावर के कमजोर होने का संकेत हो सकता है। जब आपका शरीर अंदर से स्ट्रांग नही होगा तो दवाइयों का उसर भी देर से होता है।
लगातार पेट की समस्याहमारी प्रतिरक्षा का एकबड़ा हिस्सा सीधे हमारे पाचन तंत्र की स्थिति से जुड़ा होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि शरीर में लगभग 70 प्रतिशत प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले ऊतक हमारी आंत में स्थित होते हैं। यदि आप नियमित रूप से पेट की समस्याओं जैसे दस्त, सूजन, कब्ज आदि से पीडि़त रहते हैं, तो ये कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के चेतावनी संकेत हो सकते हैं। इसलिए पेट से जुड़ी किसी भी समस्या को लेकर लापरवाही न बरतें, बल्कि समय रहते डॉक्टर से संपर्क करें।
घाव ना भरनाइम्यूनिटी कमजोर होने की सबसे बड़ी एक यह भी निशानी है घाव या चोट का आसानी से नहीं भरना। जिन लोगों की इम्युनिटी मजबूत होती है उन्हें चोट लगने पर त्वचा खुद इसे भरने में लग जाती है जिससे चोट आसानी से ठीक हो सकती है।
एलर्जी की शिकायतबहुत से लोगों को एलर्जी की शिकायत होती है जिसकी वजह से उन्हें मौसमी बुखार होता रहता है। लेकिन अगर आपकी आंखों में हमेशा पानी रहता है, खाने की किसी चीज से आपको रिएक्शन हो जाता है, स्किन रैशेज, जोड़ों में दर्द और पेट में हमेशा दिक्कत रहती है तो ये भी आपके इम्यून सिस्टम के कमजोर होने का एक संकेत हो सकता है।
हाथ-पैर का ठंडा रहनाअगर आपके हाथ या फिर पैर हमेशा ही ठंडे रहते हैं तो यह भी ऑटोइम्यून डिज़ीज़ हो सकता है। इस बीमारी में आपके हाथों और पैरों तक ब्लड का फ्लो धीमा रहता है। यही वजह है कि हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं।
स्वभाव में चिड़चिड़ापन आनाशरीर स्वस्थ हो, तो मन अपने आप शांत रहता है। लेकिन अगर आप ठीक नहीं होंगे, तो इसका असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर दिखाई देगा। कमजोर इम्यूनिटी वालों में चिड़चिड़ापन आना कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का पहला संकेत है। बेशक इसके लक्षण बाहर से दिखाई नहीं देते , इसलिए यदि आप लगातार थकावट और चिड़चिड़ापन का अनुभव कर रहे हैं, तो डॉक्टर्स से सलाह लें । इसके साथ ही शरीर में होने वाले सामान्य संक्रमणों का रिकॉर्ड भी रखें।