पेट फूलना, कब्ज और पेट दर्द की समस्या से है परेशान, तो इन 7 फूड्स को डाइट में करे शामिल; जल्दी मिलेगा आराम

कब्ज की वजह से पेट ठीक से साफ नहीं होता और शौच के दौरान काफी दिक्कतें आती हैं। पेट साफ ना होने के कारण पूरे दिन आलस्य बना रहता है। किसी काम में मन नहीं लगता। कब्ज की परेशानी के कारण मल त्यागने के लिए ज्यादा जोर लगाना पड़ता है, घंटो बैठे रहना पड़ता है। पेट में कब्ज के लक्षण पहचानना काफी जरूरी है। पेट में सूजन आना या पेट में अधिक दर्द होना शामिल है। लम्बे समय तक कब्ज की समस्या रहने से कई और बीमारियां होने का खतरा रहता है। इसलिए कब्ज के लक्षणों को नजरअंदाज ना करें बल्कि इसका इलाज कराएं। लंबे समय तक कब्ज रहने से व्यक्ति को अनेक रोग हो हैं। कब्ज के कारण बवासीर या भगन्दर की बीमारी हो सकती है। बवासीर में गुदा नलिका में मस्से हो जाते हैं। रोगी को खूनी तथा बादी दोनों प्रकार हो सकता है। इसलिए व्यक्ति को कब्ज का सही समय पर उचित उपचार करना चाहिए और उचित आहार-विहार का पालन करना चाहिए...

कब्ज होने के कारण (Constipation Causes in Hindi)

- भोजन में रेशेदार आहार की कमी होना।
- मैदे से बने एवं तले हुए मिर्च-मसालेदार भोजन का सेवन करना।
- पानी कम पीना या तरल पदार्थों का सेवन कम करना।
- समय पर भोजन ना करना।
- रात में देर से भोजन करना।
- देर रात तक जागने की आदत।
- अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, तंबाकू या सिगरेट आदि का सेवन करना।
- भोजन पचे बिना ही दोबारा भोजन करना।
- चिन्ता या तनावयुक्त जीवन जीना।
- हार्मोन्स का असंतुलन या थायराइड की परेशानी होना।
- अधिक मात्रा में या लम्बे तक दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करना।

आयुर्वेद में कब्ज की समस्या के लिए अनेक घरेलू उपाय (Kabj ke Gharelu Upay) बताए गए हैं। आप इन असरदार उपायों से आसानी से कब्ज का घरेलू उपचार कर सकते हैं। फाइबर से भरपूर चीजें कब्ज, एसिडिटी (Acidity) से राहत पाने में मदद कर सकती हैं। जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, गेहूं के ओट्स का सेवन करना फायदेमंद होता है। कई ऐसे फूड हैं जो हमेशा ही आपको कब्ज से राहत दिला सकते हैं। साथ ही इनका सेवन करने से आपको कई स्वास्थ्य लाभ भी हो सकते हैं। तो ऐसे में आइए जानते है इन फूड्स के बारे में...

जामुन

जामुन गर्मी के दिनों में बाजार में खूब मिलता है। जामुन का इस्तेमाल औषधि के रूप में भी किया जाता है। जामुन में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को बीमारियों से बचाने का काम करता है। जामुन में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते है, जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ मुंह के संक्रमण को दूर करने में भी मदद करता है। यदि आप रोजाना गर्मी के दिनों में जामुन खाएं, तो आपके दांत और मसूड़े में होने वाली समस्याएं बहुत हद तक दूर हो सकती है। जामुन में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जामुन के एक कप रस में लगभग 8 ग्राम फाइबर होता है। फाइबर हमारे पाचन तंत्र को अच्छा रखने में मदद करता है। कब्ज की शिकायत होने पर जामुन का सेवन कर सकते है। जामुन में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पेट के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इसके अलावा जामुन में पोटैशियम और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होने की वजह से यह हृदय को स्वस्थ रखता है। यदि आप रोजाना गर्मी के दिनों में इसे खाएं, तो आपको डायबिटीज में होने का कम खतरा हो सकता है।

संतरा

संतरा नेचरल एंटीऑक्सीडेंट होता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है, खून साफ करने के साथ ही यह स्टेमिना बढ़ाने में भी मददगार होता है। संतरे में डायटरी फाइबर और विटामिन सी पाया जाता है इसको खाने से जल्दी से भूख नहीं लगती है जिससे वजन नहीं बढ़ता है। डायटरी फाइबर की मात्रा अधिक होने की वजह से कब्ज की शिकायत से निजात मिल सकती है। इसके साथ-साथ संतरा एक पोर्टेबल स्नैक्स भी है जिसे आप सलाद के साथ भी खा सकते हैं। संतरा भी आपके पेट के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। संतरा नेचरल एंटीऑक्सीडेंट होता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है, खून साफ करने के साथ ही यह स्टेमिना बढ़ाने में भी मददगार होता है। आपको बता दे, संतरे में कैलोरीज काफी कम होती है। किसी भी प्रकार का सैच्यूरेटेड फैट या कोलेस्ट्रॉल संतरे में नहीं होता है

बादाम

बादाम में उच्च स्तर का फाइबर होता है जो पेट की पाचन क्रिया में मददगार होता है। रोजाना रात में बादाम भिगा दें और उसे सुबह-सुबह खाएं। इससे कब्ज की समस्या दूर हो जाएगी और एसिडिटी व पेट में सूजन जैसी परेशानी भी नहीं रहेगी। इसमें मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है, जो हमारी आंतों को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। बादाम भी एक तरह का पोर्टेबल स्नैक्स होता है जिसे आप नाश्ते के साथ भी खा सकते है। भीगा हुआ बादाम शरीर में बनने वाले बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है। इसके अलावा बादाम खाने से मस्तिष्क मजबूत होता है। भीगा हुआ बादाम खाने से याद रखने की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। भीगे हुए बादाम में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है, जिसे ब्रेन फूड कहा जाता है। यानी ओमेगा 3 फैटी एसिड मस्तिष्क की खुराक की तरह काम करता है। इसलिए अगर आपको दिमागी ताकत बढ़ानी है तो रोजाना भीगा हुआ बादाम खाने की आदत डालें। इसके अलावा भीगे हुए बादाम में एंटीऑक्सिडेंट की अत्यधिक मात्रा होती है। इसलिए इसे खाने से बढ़ती उम्र का असर आपकी त्वचा और सेहत पर नहीं दिखेगा।

ओट्स

ओट्स पेट संबंधी रोगों में भी काफी लाभ देता है। यह कब्ज को दूर कर, पेट खराब होने की समस्या से निजात दिलाने में सहायक है। ओट्स के चोकर में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो जल्दी पेट भरने के साथ-साथ आपके शरीर में उर्जा संचार करता है, और यह वजन कम करने में बेहद लाभप्रद है। ओट्स में पाया जाने वाला इनोजिटॉल रक्त में वसा के स्तर को नियंत्रित करता है, और उसे बढ़ने नहीं देता। यह शरीर में उपस्थित अतिरिक्त वसा को भी कम करता है। इसके अलावा ओट्स का सेवन कैंसर से भी बचाता है। इसके प्रयोग से हृदय रोग होने का खतरा भी कम होता है क्योंकि यह हृदय की धमनियों में वसा को जमने से रोकता है।

हरी सब्जियां

यदि अपने आहार में नियमित रूप से हरी सब्जियों का सेवन करते है तो कई तरह की गंभीर बीमारियों से खुद का बचाव कर सकते है। यदि हरी सब्जी के फायदे की बात करे तो वजन कम करने में, हृदय रोग, कैंसर, कोलेस्ट्रॉल कम करने में, उच्च रक्तचाप आदि की समस्या को दूर करने में मददगार साबित होता है। हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे की पालक,मेथी,सरसों आदि में फाइबर, पोटैशियम और मैग्नीशियम की मात्रा अधिक पाई जाती है, जिसे खाने से आप कब्ज की समस्‍या से छुटकारा पा सकते हैं।

केला

केले को पोषक तत्वों का भंडार माना जाता है। इसमें विटामिन A, B, B6, C, आयरन, कैल्शियम, मैगनीशियम, रिबोफ्लेविन, नियासिन, फोलिक एसिड, पोटैशियम आदि ऐसे तमाम पोषक तत्व पाए जाते हैं, तो इंसान की बेहतर सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं। केले में मौजूद उच्च फाइबर सामग्री कब्ज के प्रभाव को सामान्य करने में मदद कर सकती है। इसे खाने से कब्‍ज की समस्‍या नहीं होती। केले में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो आपके पेट के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सकते हैं। केले में पाया जाने वाला मैग्नीशियम शरीर में जाकर रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होने से धमनियों में रक्त का संचालन सही रहता है। रोजाना एक केला खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल नियंत्रित होता है। खून की कमी और एनीमिया की समस्या शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन न मिलने की वजह से होती है। ऐसे में केले में आयरन की मात्रा काफी ज्यादा पाई जाती है।

आलूबुखारा

आलूबुखारा में कई औषधीय गुण छुपे हुए हैं। आलूबुखारा फल फाइबर से भरपूर होता है, इसलिए यह कब्ज के इलाज में सहायक माना जा सकता है। साथ ही एक वैज्ञानिक शोध में सामने आया है कि सूखा आलूबुखारा यानी प्रून्स में मौजूद फेनोलिक कंपाउंड मल त्याग में होने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा आलूबुखारा में ऐसे तत्व पाए जाते है जो कैंसर से लड़ने में सहायक हैं। आलूबुखारा का अर्क ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी कम करता है। आलूबुखारे के सेवन से कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिल सकती है। सके नियमित सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल एलडीएल (LDL) को कम किया जा सकता है।

कब्ज होने पर इन चींजों के सेवन से बचे

कैफीन की मात्रा कम कर दे


हमारे पेट में गैस बनाने का काम कैफीन करती है। कैफीन के अधिक सेवन से मल सख्त हो जाता है। ऐसे में अगर आप रोजाना चाय या कॉफी का सेवन करते हैं तो इनसे दूरी बना ले। गैस, कब्ज और एसिडिटी की समस्या से बचने के लिए चाय, कॅाफी के अधिक सेवन से परहेज करना चाहिए। इनका सेवन करने से पेट और छाती में जलन, पेट फूलना, पेट में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में कैफीन के सेवन को सीमित करें।

प्रोसेस्ड चीजों का सेवन कम करें

अगर आप चाय के साथ कुकीज लेना पसंद करते है तो यह भी आपके पेट की समस्याएं बढ़ा सकते है। कुकीज में परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट होते हैं और फाइबर की मात्रा कम होती है। ऐसे में अगर आप नियमित इनका सेवन करते है तो आप कब्ज की समस्या हो सकती है।

कार्बोहाइड्रेट के सेवन से करें परहेज

अगर आप ज्यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेते हैं तो आपको पेट की समस्याएं घेर सकती हैं। कब्ज से बचाव के लिए भी कार्बोहाइड का सेवन कम करना चाहिए। इसका ज्यादा सेवन गैस, कब्ज और एसिडिटी की समस्या को उत्पन्न करता है। इसकी बजाय आप जूसी फल और कुछ सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। अगर आप भी अक्सर कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं तो आपको आज से ही कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को सीमित कर देना चाहिए।