कई दशकों से यह माना जाता रहा है कि सुबह का नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन होता है। लेकिन हाल ही में हुई एक नई रिसर्च ने इस लोकप्रिय धारणा को चुनौती दी है। अध्ययन के अनुसार, सुबह का नाश्ता छोड़ने से वयस्कों के दिमाग पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता। यह खोज खासकर उन लोगों के लिए चौंकाने वाली हो सकती है जो दिन की शुरुआत बिना नाश्ता किए नहीं कर पाते। आइए जानते हैं इस रिसर्च में सामने आई रोचक बातें।
3,400 लोगों पर किया गया विस्तृत अध्ययन
इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने 63 अलग-अलग अध्ययन और 3,400 से अधिक प्रतिभागियों पर किए गए एक्सपेरिमेंट और मेमोरी टेस्ट का विश्लेषण किया। परिणामों से पता चला कि जिन लोगों ने नाश्ता किया और जिन्होंने नहीं किया, उनके दिमाग की गतिविधियों में लगभग कोई फर्क नहीं था। आंकड़ों के अनुसार, नाश्ता करने वाले लोगों ने केवल 0.2 यूनिट ज्यादा सही प्रदर्शन किया। इसे ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है कि सुबह का नाश्ता छोड़ना वयस्कों के दिमाग पर किसी भी तरह का बड़ा असर नहीं डालता।
दिमाग को मिलता है बैकअप ऊर्जा स्रोतवैज्ञानिकों का कहना है कि इंसानी मस्तिष्क को ऊर्जा ग्लूकोज और शरीर में जमा फैट से मिलती है। लंबे समय तक बिना खाने के भी शरीर केटोन्स नामक तत्व के जरिए ऊर्जा उत्पन्न करता है और दिमाग सुचारू रूप से काम करता रहता है। शोध में यह भी पाया गया कि 8, 12 या 16 घंटे तक फास्ट करने से व्यक्ति की मेमोरी, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता या निर्णय लेने की शक्ति पर कोई असर नहीं पड़ता। इसका मतलब है कि शॉर्ट टर्म फास्टिंग यानी थोड़े समय के लिए भोजन न करना वयस्कों के लिए सुरक्षित है।
बच्चों के लिए नाश्ता अभी भी जरूरीहालांकि रिसर्च ने यह साफ किया कि वयस्कों के लिए नाश्ता कभी-कभी छोड़ना कोई समस्या नहीं है, बच्चों के लिए सुबह का भोजन आवश्यक है। बच्चों का शरीर और दिमाग अभी विकास के चरण में होता है, इसलिए उन्हें नियमित और पौष्टिक नाश्ता करना चाहिए ताकि उनकी ऊर्जा और पोषण की जरूरतें पूरी हो सकें।