देश में कोरोना के रिकॉर्ड आंकड़े आ रहे हैं जो चिंता बढ़ाने वाले हैं। बीते दिन 96 हजार 760 नए मरीज के चलते अब देश में संक्रमितों की संख्या 46 लाख 57 हजार से ऊपर हो चुकी हैं। मौत का आंकड़ा भी बढ़ते हुए 77 हजार को पार कर गया हैं। ऐसे में कोरोना वैक्सीन की कितनी जरूरत हैं आंकड़े देखते ही पता चलता हैं। दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन पर काम जारी हैं। इस बीच देश में कोरोना वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर सामने आई हैं जिसमें हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी की कोरोना वैक्सीन COVAXIN का ट्रायल सफल रहा है।
कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि बंदरों के चार समूहों पर वैक्सीन का ट्रायल किया गया। इस दौरान SARS-CoV-2 वैक्सीन के दो डोज दिए गए और उनकी निगरानी की गई। एक समूह की प्लेसबो के साथ देखरेख की गई जबकि तीन समूहों को 14 दिनों में 3 अलग-अलग वैक्सीन दी गईं। 14 दिनों के बाद इन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई। वैक्सीन की वजह से इन पर ट्रायल के दौरान कोरोना वायरस बेअसर रहा। रिजल्ट देखने पर पता चला कि जिन बंदरों को वैक्सीन दी गई थी उनमें प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई थी। जिन समूहों को वैक्सीन दी गई थी उनके हिस्टोपैथोलॉजिकल टेस्ट में निमोनिया का कोई सबूत नहीं देखा गया। कुल मिलाकर इस वैक्सीन को वायरस से निपटने में कारगर पाया गया।
कोरोना के स्ट्रेन से ही बनी है यह वैक्सीन
ICMR-भारत बायोटेक की Covaxin एक 'इनऐक्टिवेटेड' वैक्सीन है। यह उन कोरोना वायरस के पार्टिकल्स से बनी है जिन्हें मार दिया गया था ताकि वे इन्फेक्ट न कर पाएं। कोविड का यह स्ट्रेन पुणे की NIV लैब में आइसोलेट किया गया था। इसकी डोज से शरीर में वायरस के खिलाफ ऐंटीबॉडीज बनती हैं।
15 जुलाई से शुरू हुआ था ट्रायल
भारत में बनी पहली कोरोना वैक्सीन Covaxin का फेज 1 ट्रायल 15 जुलाई 2020 से शुरू हुआ था। देशभर में 17 लोकेशंस पर फेज 1 ट्रायल हुए। Covaxin ट्रायल की सारी डिटेल्स ICMR को भेजी जाएंगी। वहीं पर डेटा को एनलाइज किया जा रहा है।
फेज 2 ट्रायल की हो गई शुरुआत
दिल्ली स्थित एम्स में कोवैक्सिन का फेज 2 ट्रायल शुरू हो गया है। रेवाड़ी के गावं खरखड़ा निवासी प्रकाश यादव को वैक्सीन की पहली डोज दी गई। उन्हें 0.5ml की डोज देने के बाद दो घंटे तक ऑब्जर्वेशन में रखा गया। डॉक्टर अगले 7 दिन तक उनके टच में रहेंगे। 28 दिन बाद प्रकाश को दूसरी डोज दी जाएगी।