इंसान अपनी पूरी जिंदगी अपना पेट भरने के लिए कमाता हैं और अगर उस पेट से जुड़े रोगों से सामना करना पड़े तो उस कमाई का मजा नहीं आता हैं। तो जल्दी से पेट से जुडी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए योग रामबाण इलाज हैं। योग में कई तरह के आसन होते हैं और इस कड़ी में आज हम आपको जिस आसन की विधि और फायदे बताने जा रहे हैं वो हैं हंसासन। तो चलिए जानते हैं हंसासन की विधि और फायदे के बारे में।
* हंसासन करने की विधि
सबसे पहले घुटनों के बल जमीन पर बैठ जाएं। दोनों पंजों को साथ में रखें और घुटनों को अलग रखें। हथेलियों को जमीन पर रखें और उंगलियों को पैरों की ओर रखें। फिर दोनों हाथों की कलाइयों को एक दूसरे से सटा लें और भुजाओं के आगे के भाग को शरीर से चिपका लें। अब आगे की ओर इस प्रकार झुकें कि पेट आपकी कोहनियों के ऊपर रहे और छाती भुजाओं के ऊपर भाग पर रहे। संतुलन बनाये रखें और पैरों को धीरे-धीरे पीछे की ओर सीधा कर लें। पंजों को एक साथ रखें और पैरों की उंगलियों को जमीन पर टिका दें। सिर को ऊपर उठायें और नज़रे एकदम सामने रखें। आखिर में अपने शरीर का भार हाथों और पैरों की उंगलियों पर होना चाहिए। अपनी क्षमता के अनुसार इस अवस्था को बनाये रखें। ध्यान रखें हाथों या पैरों की उंगलियों पर ज्यादा जोर न लगाएं। फिर घुटनों को जमीन पर लें आएं और वज्रासन में बैठ जाएं। इस आसन को कम से कम दस मिनट तक करें। * हंसासन करने के फायदे
- हंसासन पेट के सभी अंगों और मांसपेशियों की मालिश करता है और उन्हें उत्तेजित करता है।
- यह कब्ज और पेट की गैस को दूर करता है। साथ ही लीवर और गुर्दे की कार्य करने की क्षमता को तेज करता है।
- इस आसन से पेट और आँतों के कीड़ों को भी बाहर निकालने में मदद मिलती है।
- इस आसन का अभ्यास लगातार करते रहने से भूख बढ़ती है और पेचिश की समस्या से छुटकारा मिलता है।