हर इंसान की चाहत होती है कि उम्र बढ़ने के बाद भी उनके शरीर की बाहरी और आंतरिक क्रियाएँ सही से चलती रहें। लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी हो जाता है अपनी दैनिक दिनचर्या में प्राणायाम को शामिल करना। योग में प्राणायाम का भी अपना विशेष महत्व होता हैं और इस कड़ी में आज हम आपको जिस प्राणायाम की विधि और फायदे बताने जा रहे हैं वो हैं सूर्यभेदन प्राणायाम। तो चलिए जानते हैं सूर्यभेदन प्राणायाम की विधि और फायदे।
* सूर्यभेदन प्राणायाम करने की विधि सबसे पहले किसी आरामदायक आसन में बैठ जाएं। सिर और कमर को सीधा रखें। हाथों को घुटनों पर चिन या ज्ञान मुद्रा में रखें। आंखों को बंद कर लें और पूरे शरीर को आराम दें। जब शरीर शांत और आराम की स्थिति में आ जाए, तब कुछ वक्त के लिए अपनी सांस पर ध्यान दें। फिर दायें हाथ की अनामिका उंगली से बाएं नासिकाछिद्र को बंद कर लें और दायें नासिकाछिद्र से धीरे-धीरे सांस लें। इसी प्रकार दूसरी नासिकाछिद्र से भी यही प्रक्रिया करें। इस प्रक्रिया को 10 से 15 मिनट तक दोहराएं। धीरे-धीरे अवधि को आप बढ़ा भी सकते हैं।
* सूर्यभेदन प्राणायाम करने के फायदे - यह प्रणायाम शरीर की क्रियाओं को बढ़ाता है।
- इस प्रणायाम से पेट के कीड़े भी मरते हैं।
- अगर आप सर्दियों के दौरान पैरों में बेहद ठंडक महसूस करते हैं तो यह प्रणायाम बेहद लाभदायक है। इसे करने से आपके पेरों में गर्माहट पैदा होगी।
- यह प्रणायाम आपकी भूख को बढाता है।
- सर्दी और कफ, अस्थमा या अन्य श्वसन समस्याओं के लिए यह बेहद अच्छा प्रणायाम है।
- सूर्यभेदन प्राणायाम लो ब्लड प्रेशर की समस्या को भी ठीक करता है।
- इस प्रणायाम से पेट में गैस की समस्या भी कम होती है।