व्यक्ति अपने जीवन में तभी सुखी रहता है जब उसके जीवन में किसी भी प्रकार का शारीरिक कष्ट ना हों और सभी अंग अच्छे से काम करते हो। और ऐसे समय में आपका साथ देता है योग। योग में कई तरह के आसन होते हैं और इस कड़ी में आज हम आपको जिस आसन की विधि और फायदे बताने जा रहे हैं वो हैं सिंघासन। तो चलिए जानते हैं सिंघासन की विधि और फायदे के बारे में।
* सिंघासन करने की विधि सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं। घुटनों के बीच लगभग 45 सेंटीमीटर की दूर रखें। दोनों पैरों की उंगलियों को आपस में स्पर्श करवाएं। अब आगे की ओर झुकें और दोनों हथेलियों को घुटनों के बीच में जमीन पर इस प्रकार रखें कि उंगलियां शरीर की ओर रहें। भुजाओं को पूरी तरह सीधा कर लें और पीठ को मोड़कर धनुषाकार बनायें, जिससे गर्दन के सामने के भाग में अधिक से अधिक खिंचाव उतपन्न हो। सिर को पीछे की ओर झुकाएं ताकि गर्दन में आरामदायक तनाव पैदा हो। आंखें बंद कर लें। या फिर आप आंखें खुली भी रख सकते हैं। आंखों को खुला रखते समय आप ऊपर की तरफ किसी एक जगह पर नजर को टिकाये रखें। मुंह को बंद रखें। पूरे शरीर और मन को आराम दें। इस आसन को पांच से दस मिनट तक करें।
* सिंघासन करने के फायदे - इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- यह आसन आवाज को मधुर बनाता है।
- आंखों की बीमारी को ठीक करता है।
- यह थायराइड के लिए बेहतरीन योग है।
- यह आसन पेट की कई समस्याओं से निजात दिलाता है।