वर्तमान समय की भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण इंसान को तनाव और अवसाद घेर लेता हैं और इसके कारण सिरदर्द, थकान और अनिद्रा जैसी कई बीमारियों का शिकार होना पड़ता हैं। इन सभी से बचने के लिए योग बहुत फायदेमंद हैं। योग में कई तरह के आसन होते हैं और इस कड़ी में आज हम आपको जिस आसन की विधि और फायदे बताने जा रहे हैं वो हैं शवासन। तो चलिए जानते हैं शवासन की विधि और फायदे के बारे में।
* शवासन करने की विधि दंडासन में बैठ जायें। हल्का सा हाथों से ज़मीन को दबाते हुए, और साँस अंदर लेते हुए रीढ़ की हड्डी को लंबा करने की कोशिश करें। अब सीधा कमर के बाल लेट जायें। पैरों में 2 फुट तक का फासला रखें। बाज़ुओं को धड़ से 45 डिग्री तक रखें। हथेलियन छत की तरफ होनी चाहिए। आँखें बंद रखिए। शवासन में सोना नहीं है। बस संपूर्ण शरीर और दिमाग़ को आराम देना है। कोशिश करें की आपकी श्वास एकदम शांत और धीमी हो जाए। जितनी श्वास शांत और धीमी हो जाएगी, उतना आप रिलॅक्स महसूस करेंगे। शवासन में 5 से 10 मिनिट तक रहें। शवासन से बहार निकालने के लिए साँस पर ध्यान केंद्रित करें। हल्का से पैरों और हाथों की उंगलियों को हिलाना शुरू करें, फिर कलियों को घुमायें। अब हाथ उपर उठा कर पुर शरीर को स्ट्रेच करें और धीरे से उठ कर सुखासन में बैठ जायें।
* शवासन करने के फायदे - मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव और हल्के अवसाद से राहत पाने में मदद करता है।
- शवासन पूरे शरीर को आराम देता है।
- सिरदर्द, थकान और अनिद्रा के लिए चिकित्सिए है शवासन।
- रक्तचाप कम करने में मदद करता है।
- एकाग्रता और याददाश्त में सुधार लाता है।