पुरातन समय से ही योग क्रियाओं का चलन चलता आ रहा हैं जो कि इंसान के शरीर को रोगों से लड़ने योग्य बनाता हैं। योग में मुद्राओं का भी अपना विशेष महत्व होता हैं और इस कड़ी में आज हम आपको जिस मुद्रा की विधि और फायदे बताने जा रहे हैं वो हैं ज्ञान मुद्रा। तो चलिए जानते हैं ज्ञान मुद्रा की विधि और फायदे के बारे में।
* ज्ञान मुद्रा करने की विधि सबसे पहले किसी सुविधाजनक आसन में बैठ जाएं। दोनों तर्जनी उंगलियों को इस प्रकार मोड़ें कि उनका स्पर्श अंगूठे के आधार से हो। दोनों हाथों की अन्य तीन उंगलियों को इस प्रकार सीधा रखें कि वे एक-दूसरे से अलग और शिथिल रहें। हाथों को घुटनों पर इस प्रकार रखें कि हथेलियां नीचे की ओर रहें। हाथों और कंधों को अब आराम दें।
* ज्ञान मुद्रा में बैठने के फायदे : - ज्ञान मुद्रा ध्यान लगाने में मदद करती है और यह निराशा, उत्साह की कमी और रचनात्मकता के लिए बेहतरीन उपाय मानी जाती है।
- यह मुद्रा मस्तिष्क को उत्तेजित करती है और रक्त के प्रवाह को बढ़ाती है, जिससे स्मरणशक्ति बढ़ने लगती है।
- जो लोग अल्जाइमर रोग, तंत्रिका तंत्र की समस्याओं, चक्कर के विकार और अन्य मस्तिष्क से सम्बंधित समस्या से पीड़ित हैं, वो इस ध्यान की प्रक्रिया से ठीक हो सकते हैं।
- ज्ञान मुद्रा हाइपर थाइरॉइडिस्म, हाइपो थाइरॉइडिस्म, हाइपो अड्रेनलिस्म, हाइपो पिटूइटेरिस्म और अन्य समान बीमारियों का इलाज करने में मदद करती है।
- यह मुद्रा श्वसन संबंधी समस्याओं का इलाज करती है।
- ज्ञान मुद्रा मांसपेशियों की परेशानियों के लिए भी बहुत बेहतरीन उपाय है।