50 ग्राम भुना चना रोज खाने के हैं ये चौकाने वाले फायदे, एक हफ्ते में दिखने लगेगा चमत्कार

अगर आप स्वाद के लिए कभी कभार भुने हुए चनों का सेवन करते है तो यह हमारा यह आर्टिकल पढने के बाद आप इसका नियमित तौर पर सेवन शुरू कर देंगे। भुने हुए चने को गरीबों का बादाम भी कहा जाता है। भुने हुए चने खाने से शरीर को जबरदस्त स्वास्थ्य लाभ होते है। भुने हुए चनों में प्रोटीन, फाइबर, फोलेट, मिनरल्स और फैटी एसिड में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। सबसे बड़ी बात इसमें फैट की मात्रा कम होती है और यह ऊर्जा का सबसे बढ़िया स्रोत है। यह आपको भरा हुआ महसूस कराता है। आपको बता दे, एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 50 से 60 ग्राम चनों का सेवन करना चाहिए। यह उसकी सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद रहता है। चलिए जानते हैं कि नियमित रूप से भुने चनों को अपनी डाइट में शामिल करते है तो आपकी सेहत को क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।

प्रोटीन का खजाना

चने में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। सबसे कमाल की बात यह है की भूनने से इसके पोषक तत्व बिल्कुल भी प्रभावित नहीं होते हैं। शरीर में नई कोशिकाओं की मरम्मत और निर्माण के लिए प्रोटीन की जरूरत पड़ती है। खासकर बच्चों, किशोरों और गर्भवती महिलाओं को। इसलिए इसका सेवन शरीर में प्रोटीन की मात्रा को पूरा करता है।

वजन घटाने में सहायक

भुना हुआ चना भी आहार फाइबर का एक उत्कृष्ट स्रोत है। रोजाना भुने हुए चने खाने से मोटापे की समस्या में राहत मिलती है। इसका सेवन शरीर से अतिरिक्त चर्बी को पिघलाने में मदद करता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, फाइबर से भरपूर चीजें खाने से आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है। यही वजह है कि आप उल्टी-सीधी चीजों का सेवन करने से बच जाते है। इसके अलावा फाइबर पाचन को बेहतर करने और कब्ज की समस्या से निजात दिलाने का भी काम करता है।

मधुमेह में लाभकारी

मधुमेह रोग में भुने हुए चने खाना फायदेमंद रहता है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाले खाद्य पदार्थ सभी डायबिटीज रोगियों के लिए बेहतर हैं। कम जीआई होने का मतलब है कि उस विशेष खाद्य पदार्थ के सेवन से आपके ब्लड शुगर लेवल में अन्य खाद्य पदार्थों की तरह उतार-चढ़ाव नहीं होगा। चने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) लेवल 28 है। इसलिए यह मधुमेह मरीजों के लिए खाने का एक अच्छा विकल्प है।

हड्डियों को बनाता है मजबूत

हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाने का काम भी करता है भुना चना । एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार भुने हुए चने में मौजूद मैंगनीज और फास्फोरस आपके शरीर को स्वस्थ हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं और हड्डियों की असामान्य संरचना, जोड़ों के दर्द आदि जैसी स्थितियों को रोकते हैं।

पाचन शक्ति बढ़े

पाचन शक्ति को संतुलित और दिमागी शक्ति को भी बढ़ाता है भुना चना। भुना चना खाने से खून भी साफ होता है जिससे त्वचा में निखार आता है। चने में फॉस्फोरस होता है जो हीमोग्लोबिन का लेवल बढ़ाता है और किडनी से एक्स्ट्रा साल्ट निकालता हैं।

दिल को स्वस्थ रखने में सहायक

भुना हुआ चना मैंगनीज, फोलेट, फास्फोरस और तांबे का भी एक समृद्ध स्रोत है जो हमारे हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी सिद्ध हुआ है। फास्फोरस विशेष रूप से हमारे रक्त परिसंचरण में सुधार और हमारे दिल को स्वस्थ रखने के लिए जाना जाता है।

ब्लड प्रेशर करता है कंट्रोल

भुना चना प्रोटीन और फाइबर का अच्छा स्त्रोत है और फैट और कैलोरी को कम करता है। भुने चने में कॉपर, मैंगनीज और मैग्नीशियम होता है। कॉपर और मैग्नीशियम सूजन को कम करते हैं और रक्त वाहिकाओं को आराम देते हैं। मैंगनीज ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है। भुने चने में फॉस्फोरस होता है। फास्फोरस ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है।

नंपुसकता दूर करें

भुने हुए चने के सेवन से नंपुसकता भी दूर होती है। इसको दूध के साथ सेवन से स्पर्म गाढ़ा होता है। यदि किसी पुरुष का वीर्य पतला है तो चना खाने से आराम मिलेगा। भुने चने को शहद के साथ खाने से पुरुषत्व में वृद्धि होती है।

कोलेस्ट्रॉल को भी करता है कम

फाइबर का बढ़िया स्रोत होने की वजह से भुने हुए चने का सेवन खून में गंदे कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है। गंदे कोलेस्ट्रॉल के निर्माण से नसों में ब्लॉकेज हो सकती है जिससे आपको दिल के रोग और हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है।

पेशाब संबंधी रोग से छुटकारा

भुने हुए चनों के सेवन से पेशाब से जुड़ी बीमारियों में भी आराम मिलता है। जिनको भी बार-बार पेशाब आने की समस्या हो उन्हें रोजाना गुड़ के साथ चने का सेवन करना चाहिए। आप देखेंगे कि इससे कुछ ही दिन में आराम मिलने लगेगा।