एक उम्र के बाद जरूर कराएं ये मेडिकल जांचें, समय रहते बचाई जा सकती है जिंदगी

आपने यह तो सुना ही होगा कि सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा हैं जो कि आज के समय में स्वस्थ जिंदगी की कूंजी हैं। जी हाँ, आज के समय में गलत खानपान से परहेज आपको स्वस्थ बना सकता हैं। इसी के साथ ही एक उम्र के बाद समय-समय पर मेडिकल जांच भी जरूरी होती हैं ताकि कोई बिमारी हो तो उसका प्राथमिक स्टेज में ही पता लगाकर निपटारा किया जा सके। आज हम आपको कुछ ऐसी ही मेडिकल जांच की जानकारी देने जा रहे हैं जो हर व्यक्ति को एक उम्र के बाद समय-समय पर करवाते रहना चाहिए। तो आइये जानते हैं उन मेडिकल जांच के बारे में।

दातों की जांच
जो लोग धुम्रपान करते हैं। तम्बाकू का सेवन करते हैं और दांतों की हाइजिन के प्रति लापरवाह होते हैं वैसे लोगों में ओरल कैंसर और अल्सर होने का खतरा अधिक होता है। बहुत से अध्ययन और शोध में हृदय रोगो और दांत रोगों के बीच संबंध दिखाया गया है और दंत रोग होने पर हृदय रोगों के होने के खतरे के प्रति आगाह किया गया है। प्रत्येक छह माह पर दांतों का चेक अप कराते रहने से न र्सिफ दांतों में होने वाली बहुत सी बीमारियों से आपको निजात मिलता है बल्कि इससे आपके हृदय को भी स्वस्थ्य रखने में मदद मिलती है।

डिप्रेशन स्क्रीनिंग
संपूर्ण स्वास्थ्य अच्छा रखने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप दोनों से ठीक होना महत्वपूर्ण होता है। तनाव एक मानसिक अवस्था है जो उम्र बढने के साथ बढता है। व्यक्ति अपने स्वभाव के कारण तनाव से ग्रस्त हो जाता है जिसका उसके मन और मस्तिष्क पर कुप्रभाव पड़ता है। ऐसा इसलिए होता है कि व्यक्ति उम्र बढने के साथ अपने आप में रिजर्व हो जाता है और अपनी भावनाओं और संवंदनाओं को प्रकट करने से बचने की कोशिश करता है। अगर आप बिना किसी खास कारण के लम्बे समय तक स्वयं को लाचार और उपेक्षित महसूस करते रहते हैं तो ऐसे में आपमें निराशा और तनाव की स्थिति उत्पन्न होने की प्रबल संभावना रहती है। ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर तुरंत अपने डॉक्टर या किसी मनोवैज्ञानिक से सलाह लें।

ब्लड कोलेस्ट्रॉल की जांच
एक साधारण से टेस्ट और प्रीवेंटिव उपाय आपको होने वाले किसी भी तरह के हृदय रोगों की अवस्था का मूलयांकन करता है। इस टेस्ट से रक्त में कोलेस्टेरॉल और टरीगलाइसीराइड के स्तर का पता चलता है। रक्त में कोलेस्टरॉल और टरीगलाइसराइड का स्तर असामान्य होने से हृदयघात और अन्य तरह के हृदय रोग के होने के खतरे कई गुणा अधिक बढ जाते है।

आंतों और स्टूल की जांच

पचास की उम्र सीमा पार करने के बाद व्यक्ति को साल में एक बार अपने आतों और स्टूल की जांच करानी चाहिए। यह प्रोस्टेट या कॉलेन कैंसर को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। इस जांच से रेक्टल में प्रोलेस (बाहर आना) और आंत के अंदर होने वाले किसी भी प्रकार के रक्तस्राव का पता आसानी से चल जाता है। किसी भी व्यक्ति के पारीवारिक इतिहास में किसी को अगर कॉलेन और प्रोस्टेट का कैंसर हुआ हो तो उसमें इस बीमारी को हाने का खतरा बढ जाता है।

आंखों की जांच
उम्र बढने के साथ आखों में होने वाली आम समस्याओं और इसको भविष्य में बढने से रोकने के लिए नियमित रूप से आंखों की जांच कराना आवश्यक होता है। ग्लूकोमा और बढती आयु से संबंधित आखों के रोग का समय पर उपचार करने से इसे रोका जा सकता है। आंखों की जांच से उच्च रक्त चाप और डायबिटीज जैसे बीमारियों का भी समय पर पता चल जाता है।

पीएसए जांच
इसे प्रोस्टेट स्पेसिफिक एनटीजन टेस्ट कहते हैं। उम्र बढने के साथ पुरूषों में प्रोस्टेट ग्रंथी में कैंसर होने की संभावना बढ जाती है। पीएसए जांच के द्वारा समय पर इस बीमारी की पहचान और उपचार शुरू करके बहुत से मरीजों की जान बचाई जा सकती है।