आयुर्वेद के अनुसार करें दूध-दही-छाछ का सेवन, रहेंगे स्वस्थ और मस्त

यह तो सभी जानते हैं कि शरीर की सेहत को बनाए रखने के लिए अच्छे खानपान की जरूरत होती हैं और इसमें दूध-दही-छाछ विशेष माने जाते हैं। लेकिन इसी के साथ ही आपको यह भी जानने की जरूरत होती हैं कि उन्हें किस समय खाया जाए ताकि सेहत पर बुरा असर नहीं हो और स्वास्थ्य बना रहें। आयुर्वेद में इससे जुड़ी जानकारी बताई गई हैं जिसे जानकर इनका सही समय पर सेवन किया जा सकता हैं और शरीर का संतुलन बनाया जा सकता है। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

दूध पीने का सही समय

आयुर्वेद में दूध को संपूर्ण आहार माना गया है। इसमें वे सारे जरूरी पोषक तत्‍व होते हैं जिनकी शरीर को आवश्‍यकता होती है। वैसे तो दूध का सेवन दिनभर में कभी भी किया जा सकता है। मगर इसे रात के समय पीने से शरीर की पूरी थकान मिटती है और गहरी नींद भी आती है। वहीं, दूध पचाने में भारी होता है इसलिये अगर इसे सुबह पिया गया तो शरीर में दिनभर एनर्जी बनी रहती है। बूढ़े लोगों को दोपहर में दूध पीना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार दूध को किसी अन्‍य भोजन के साथ नहीं पीना चाहिए, क्‍योंकि इसे पचाने में दिक्‍कत होती है। खाना खाने के दो घंटे के बाद दूध का सेवन कर सकते हैं।

दही खाने का सही समय

आयुर्वेद के अनुसार दही को अगर दोपहर से पहले खाएं तो यह बेहद गुणकारी होता है। सुबह-सुबह खाली पेट खाने से यह जल्‍दी हजम होता है और साथ ही एसिडिटी, पेट की गर्मी, जलन व अल्‍सर की समस्‍या से भी छुटकारा मिलता है। कई लोग दही को रात में खा लेते हैं जो कि बिल्‍कुल गलत है। दही की तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसे रात में खाने से खांसी-जुकाम और फेफड़ों की बीमारी के साथ-साथ जोड़ों के दर्द की समस्‍या हो सकती है। खाने से पहले दही को कभी गर्म नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद के मुताबिक, अगर दही में चीनी मिलाकर खाया जाए तो यह हमें दिनभर के लिए इंस्टेंट एनर्जी भी देता है।

​छाछ पीने का सही समय

आयुर्वेद के अनुसार छाछ यानि मठ्ठा दिन के किसी भी समय पिया जा सकता है। इसे भोजन के बाद पी सकते हैं। वहीं, शाम या रात के समय इसका सेवन करने से बचना चाहिये। यदि आपको पेट की दिक्‍कत रहती है तो छाछ को सुबह खाली पेट पीएं।