व्यायाम एक ऐसी चीज है जिसमें आप किसी भी आयु, अवस्था में हूँ आपको फायदा ही पहुंचाता हैं। हम आज बात कर रहे हैं गर्भावस्था में व्यायाम के बारे में। व्यायाम गर्भावस्था में बहुत फायदेमंद रहता हैं। हर गर्भवती महिला को व्यायाम करके इस अवस्था में खुद के शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए। हम आपको ऐसे व्यायाम बताने जा रहे हैं जो गर्भवती महिलाऐं घर पर भी कर सकें। तो आइये जानते हैं ऐसे कुछ व्यायाम।
* स्ट्रेचिंग व्यायाम गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेचिंग व्यायाम करने से मांसपेशियां लचीली व गर्म होती है। इससे गर्भावस्था में प्रसव के समय काफी फायदा मिलता है।
* तैराकी तैराकी बाजूओं और टांगों का अच्छा व्यायाम है और इससे आपके दिल और फेफड़ों की भी कसरत होती है। पानी आपके बढ़ते पेट के वजन को सहारा देता है, जिससे आपको तैराकी करते समय हल्का महसूस होता है। तैरानी कमर दर्द और टांगों में सूजन से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
* वेट लिफ्टिंग वजन उठाने से शरीर में जोश व स्फूर्ति बनी रहती है। साथ ही मांसपेशियों व जोड़ों का कसाव, लचीलापन व ताकत बढ़ती है। गर्भवती महिलाओं को वेट लिफ्टिंग करते समय थोड़ा सावधानी बरतनी चाहिये। जिससे वजन उठाते समय कोई घटना या चोट ना लगे।
* गर्दन को घुमाएं अपनी गर्दन व कंधो को रिलैक्स रखें। सिर को आगे झुकाएं। धीरे-धीरे अपने सिर को दाहिने कंधे की ओर घुमाएं फिर वापस सिर को बीच में लाएं उसके बाद सिर को बाएं कंधे की तरफ घुमाएं। इस तरह से इस प्रक्रिया को धीरे-धीरे चार बार दोहराएं।
* पैर को हिलाएं और टखने घुमाएं अपने पैरों के सहारे बैठे और पंजो को फैलाएं। पैरों को हिलाते हुए ऊपर उठाएं फिर नीचे लाएं। पैरों के सहारे बैठें और अपने अंगूठों को रिलैक्स रखें। उसके बाद पंजो को एक बड़ा गोला बनाते हुए घुमाएं। इस प्रक्रिया में अपने पंजों व टखनों का पूरा इस्तेमाल करें। इस तरह से इस व्यायाम को चार बार दायीं तरफ व चार बार बांई तरफ घुमाते हुए करें।
* स्टेप अप्स स्टैप-अप करने के लिए आपको चार से छ: इंच के एक स्टूल की आवश्यकता होती है। इसे करने के लिए स्टूल को सामने रखें और एक पैर से उस पर कदम रखें और फिर वापस लें। अब दूसरे पैर से भी यही प्रक्रिया दोहराएं। स्टैप-अप्स करने के लिए दीवार के पास खड़ी हो ताकि आपको संतुलन बनाने में आसानी हो। ध्यान रखें कि आपकी कमर इस व्यायाम के समय सीधी हो और आपका वजन तलवों के अगले हिस्से पर हो।
* पिलाटे पिलाटे व्यायाम आपके पेट, पीठ और श्रोणि मंजिल की मांसपेशियों को मजबूती देते हैं और आपके जोड़ों पर दबाव नहीं डालते। विशेषकर गर्भवती महिलाओं के लिए आयोजित पिलाटे कक्षाओं में जाने से आप एकदम उन्हीं मांसपेशियों की कसरत कर सकेंगी, जिनपर गर्भावस्था और प्रसव के दौरान सबसे ज्यादा तनाव पड़ता है। प्रेग्नेंसी बढ़ने के साथ-साथ प्रशिक्षक आपको अपने व्यायाम के तरीके में भी बदलाव करने में भी सहायता करेंगे।