कैंसर के खतरे और निकोटीन से होने वाले नुकसान को कम करने के प्रयासों को समझने के लिए व्यापक अध्ययन किए जाते रहे हैं। हाल में एक अध्ययन के मुताबिक 14 देशों के 48 फीसदी भारतीयों को सुबह जागने के बाद सिगरेट की तलब लगती है। आईवैप डॉट इन के संस्थापक नीलेश जैन ने कहा, "केंटर द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 14 देशों के 48 फीसदी भारतीयों को सुबह जागने के बाद सिगरेट की तलब लगती है। हैरानी की बात है कि केवल 60 फीसदी भारतीयों ने अपनी धूम्रपान की लत को स्वीकार किया है।"
नीलेश जैन ने कहा, "भारत में धूम्रपान की आदतों के मौजूदा परिदृश्य और भारत में स्वास्थ्य परिस्थितियों को ध्यान में रखकर सरकार को स्वस्थ विकल्पों के माध्यम से परिवर्तन लाने के लिए अपने सोच को विस्तारित करने की जरूरत है।"
केंद्र सरकार ने इसे नियमित करने की दिशा में काम करने के बजाए ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के अपने इरादे का खुलासा किया है। कई विकसित देशों में ई-सिगरेट लोकप्रिय है, क्योंकि सरकार इसे तम्बाकू सिगरेट के लिए एक सुरक्षित विकल्प के रूप में देखती है।
एआरएसईई मेडिकल रिसर्च सेंटर में पल्मोनोलॉजिस्ट और मेडिकल डायरेक्टर डॉ विकास पुनामिया ने कहा, "धूम्रपान करने वालों को पता है कि तंबाकू हानिकारक व नशे की लत है और वह धूम्रपान न करने वाले की तुलना में खुद को स्वास्थ्य के मामले में कमजोर भी मानते हैं। फिर भी वे धूम्रपान न करने वालों की तरह सक्रियता से अपने डॉक्टरों से नहीं जुड़े हैं।"