इम्यूनिटी हमारे शरीर की टॉक्सिन्स से लड़ने की क्षमता होती है। ये टॉक्सिन्स बक्टीरिया, वायरस, फंगस, पैरासाइट या कोई दूसरे नुकसानदायक पदार्थ हो सकते हैं। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बॉडी के इम्यून सिस्टम का दुरुस्त होना बहुत जरूरी है। हमारे आसपास कई तरह के पैथोजंस होते हैं। हमें पता भी नहीं होता और हम खाने के साथ, पीने के साथ यहां तक की सांस लेने के साथ भी हानिकारक तत्वों को अवशोषित कर लेते हैं। ऐसा होने के बाद भी हर कोई बीमार नहीं पड़ता। जिनका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है वे इन बाहरी संक्रमणों से बेहतर तरीके से मुकाबला करते हैं। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बॉडी के इम्यून सिस्टम का दुरुस्त होना बहुत जरूरी है।
FSSAI (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया) का दावा है कि विटामिन-सी से भरपूर चीजें इम्यूनिटी लेवल को बढ़ा सकती हैं। इसलिए विटामिन-सी से लैस कोई भी एक चीज आपको रोजाना अपनी डाइट में जरूर शामिल करनी चाहिए।
आंवला'कंटेम्परेरी क्लिनिकल ट्रायल्स कॉम्यूनिकेशन' में प्रकाशित एक रिपोर्ट बताती है कि आंवला खून की तरलता को बेहतर बनाने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के बायोमार्कर को कम करने में मदद कर सकता है। आंवला में विटामिन C, विटामिन AB कॉम्प्लेक्स, पोटैशियम, कैलशियम, मैग्नीशियम, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और डाययूरेटिक एसिड पाए जाते हैं। आंवला की खूबियां इतनी ज्यादा हैं कि इसी वजह से आंवला को 100 रोगों की एक दवा माना जाता है। आयुर्वेद में तो आंवला को अमृत की तरह माना जाता है। कई तरह के घरेलू नुस्खों में आंवला (Amla Remedies) का इस्तेमाल किया जाता है। आंवला के फायदों (Amla Benefits) के बारे में बात करें तो यह कई हैं। आंवला शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाता है।
संतरासंतरे में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं। इसकी बड़ी खूबी यह है कि इसमें कैलोरीज काफी कम होती है। किसी भी प्रकार का सैच्यूरेटेड फैट या कोलेस्ट्रॉल संतरे में नहीं होता है। इसके विपरीत इसे खाने से डायटरी फायबर मिलता है, जो हानिकारक तत्वों को शरीर से बाहर निकलता है। संतरा डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए टॉनिक की तरह काम करता है और इम्यूनिटी को भी बेहतर करता है। इतना ही नहीं संतरे में एंटी-ऑक्सिडेंट तत्व भी होते हैं जो स्किन को झुर्रियों से बचाते हैं। कहा जाता है कि यदि संतरे का रोजाना सेवन किया जाता है तो यह यंग लुक को बनाए रखने में मदद करता है। संतरा कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है। इसमें मौजूद polymethoxylated flavones कोलेस्ट्रॉल को ज्यादा प्रभावी तरीके से कम करता है। माना जाता है कि संतरे का यह गुण कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली कुछ दवाइयों से भी बेहतर है।
पपीतासंतरे की तरह पपीता भी कम कैलरी और फाइबर का अच्छा स्रोत है। पपीता भी शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के बाद पाचन क्रिया को बेहतर करता है। पपीते में उच्च मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। साथ ही ये विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होता है। अपने इन्हीं गुणों के चलते ये कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में काफी असरदार है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए यह फल काफी अच्छा है। पपीता आपके शरीर के लिए आवश्यक विटामिन सी की मांग को पूरा करता है। ऐसे में अगर आप हर रोज कुछ मात्रा में पपीता खाते हैं तो आपके बीमार होने की आशंका कम हो जाएगी। इतना ही नहीं पपीते में विटामिन ए भी पर्याप्त मात्रा में होता है। विटामिन ए आंखों की रोशनी बढ़ाने के साथ ही बढ़ती उम्र से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान में भी कारगर है।
नींबूनींबू सर्वसुलभ बहुउपयोगी और अनूठा फल है। मूल रूप से भारतीय फल नींबू की महत्ता आज विश्व भर में जानी जाती है। पाश्चात्य देशों में प्रचलित पेय 'लेमनेड' नींबू से तैयार किया जाता है। वजन घटाने से लेकर हृदय रोग जैसी गंभीर समस्याओं से राहत पाने के लिए नींबू संजीवनी की तरह काम करता है। इसमें पाए जाने वाला सिट्रिक एसिड पथरी के इलाज में भी काफी गुणकारी है। यह बॉडी में यूरीन वॉल्यूम और पीएच लेवल को बढ़ाने का काम करता है। प्रातः उठकर खाली पेट 2 गिलास पानी में एक नींबू और थोड़ा नमक डालकर पिएं। पुरानी कब्ज हो तो ऐसा सुबह−शाम करना चाहिए। कब्ज से छुटकारा मिल जाएगा। इसके अलावा सुपाच्य, हलका और उचित खानपान का ध्यान भी रखना चाहिए। अधिक तले, खटाई वाले, गरिष्ठ, तेज मसाले वाले और अधिक ठंडे पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। इम्यूनिटी लेवल बढ़ाने के लिए इसे डाइट में शामिल करना बहुत जरूरी है।
अमरूदफाइबर और पोटाशियम से भरपूर अमरूद भी शरीर के लिए काफी अच्छा है। अमरूद के सेवन से कलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। अमरूद खाने से दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर नियमित रहता है। इसका सेवन मैग्नीशियम तनाव के हार्मोंस को कंट्रोल करने का भी काम करता है। दिनभर की थकावट दूर करना चाहते हैं तो अमरूद खाएं। इससे मानसिक रूप से थकान नहीं होती। अमरूद विटामिन-के और विटामिन-ए का अच्छा स्रोत है। इम्यूनिटी लेवल बढ़ाने के लिए इसे डाइट में शामिल करना बहुत जरूरी है।
शिमला मिर्चलाल, हरे और पीले रंग में मिलने वाली शिमला मिर्च स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत फायदेमंद होती है। विटामिन सी से भरपूर ये मिर्च विटामिन-ए, विटामिन-सी और बीटा-कैरोटीन का भी एक प्रमुख सोर्स है। इसमें बहुत ही कम मात्रा में कैलोरी होती है जो वजन घटाने में मददगार है। इससे मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया बढ़ती है। कैलोरीज बर्न करने के साथ ही ये कोलेस्ट्राल का स्तर बढ़ने नहीं देता है। विटामिन ए और सी से भरपूर शिमला मिर्च एंटीऑक्सीडेंट्स का एक बहुत अच्छा माध्यम है। साथ ही दिल से जुड़ी बीमारियों, अस्थमा और मोतियाबिंद से बचाव में भी ये काफी फायदेमंद है। विटामिन सी से भरपूर होने की वजह से संक्रामक रोगों से लड़ने में भी मदद करता है। ये रोग-प्रतिरक्षा को भी बढ़ाने में कारगर है। लंग इंफेक्शन, अस्थमा में भी ये फायदेमंद है।
एवोकाडोएवोकाडो को वैज्ञानिक भाषा में पर्सिया अमरीकाना कहा जाता है। माना जाता है कि इस खास फल की उत्पत्ति लगभग सात हजार साल पहले दक्षिणी मैक्सिको और कोलंबिया में हुई थी। सेहत, स्वास्थ्य और त्वचा से संबंधित एवोकाडो खाने के फायदे कई हैं। यही वजह है कि इसे एक सुपर फूड भी माना जाता है। हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने और हृदय रोग से संबंधित जोखिम से राहत पाने में एवोकाडो का सेवन काफी हद तक उपयोगी साबित हो सकता है। कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचने के लिए भी एवोकाडो का सेवन किया जा सकता है। चार अलग-अलग शोधों में इस बात को स्वीकार किया गया है। एक शोध के मुताबिक एवोकाडो में एवोकैटिन-बी नामक तत्व पाया जाता है। यह तत्व ल्यूकेमिया स्टेम कोशिकाओं से लड़ने का काम कर सकता है, जो कैंसर का कारण बन सकती हैं। एवोकाडो लिपिड प्रोफाइल में सुधार कर सकता है, जिसमें बढ़े हुए कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करना भी शामिल है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि एवोकाडो का सेवन कर बढ़े हुए कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद मिल सकती है। विटामिन-ई से युक्त एवोकाडो आपके बच्चे के शारीरिक विकास और इम्यून के लिए बेहद जरूरी है। आप ब्रेकफास्ट के समय सैंडविच के साथ एवोकाडो उनकी डाइट में जोड़ सकते हैं।
नारियल का तेलनारियल तेल पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यही वजह है कि इसका इस्तेमाल शरीर से जुड़ी कई परेशानियों से निजात पाने के लिए किया जाता है। घर में खाना बनाते समय सरसों के तेल या रिफाइंड की जगह नारियल के तेल का इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर होगा। इसमें लॉरिक एसिड और कैप्रीलिक एसिड होता है जो आपके इम्यूनिटी सिस्टम को बूस्ट कर वायरल से सुरक्षा करता है। नारियल तेल का उपयोग करके आप अपना पाचन सुधार सकते हैं। नारियल तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो अपच का कारण बनने वाले कई रोगाणुओं से लड़ सकते हैं और पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त बनाए रखने में सहयोग कर सकते हैं। एक वैज्ञानिक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि नारियल का तेल पाचन को बढ़ाता है। नारियल तेल के सेवन से हृदय को स्वस्थ रखा सकता है। हृदय रोग में खराब आहार एक प्रमुख कारण है जिसकी वजह से लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं। अच्छे आहार में पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड जैसे कि नारियल तेल को शामिल करने से हृदय रोगों का खतरा कई गुना तक कम हो जाता है।
यॉगर्टडॉक्टरों का कहना है कि अगर रोजाना योगर्ट खाया जाए तो शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। जो लोग रोजाना वर्कआउट करते हैं, योगर्ट उनकी मांसपेशियों के खिंचाव में आराम पहुंचाता है साथ ही वर्कआउट के बाद की रिकवरी तेजी से होती है। जो लोग लैक्टोस इनटॉलरेंट (दूध और उससे बने पदार्थ नहीं पचा पाते) हैं उनके लिए योगर्ट अच्छा विकल्प हो सकता है। इसे पचाना आसान होता है। हालांकि अधिकांश विशेषज्ञ यह राय देते हैं कि योगर्ट को घर पर ही बनाया जा सकता है।
घर पर ऐसे बनाए योगर्ट - दूध (आवश्यकतानुसार) में उबाल आने तक गर्म करें और इसे कांच के बर्तन में डालें।
- इसे गुनगुना (100-105 फॉरेनहाइट) करें। धीरे-धीरे दूध पर एक पर्त बन जाएगी।
- अब गुनगुने दूध में दो चम्मच घर पर बना या बाहर से खरीदा गया योगर्ट डालें। योगर्ट को दूध में इस तरह से मिलाएं कि ऊपरी परत ज्यों की त्यों रहें।
- गर्म पानी में कांच के बर्तन कम से कम 8 घंटे/ रात भर रखें। आठ से बारह घंटे सर्वश्रेष्ठ समय होता है। मिश्रण को जितनी ज्यादा देर रखा जाएगा यह उतना खट्टा होगा।
- बचे हुए लिक्विड को सावधानी से निकाल लें।
- खाने से पहले 4 घंटे रेफ्रिजरेटर में रखें। रेफ्रिजरेटर में स्टोर करें और 4-5 दिनों के भीतर उपयोग करें।
बादामबादाम में कैल्शियम, फास्फोरस,विटामिन ई, फाइबर, प्रोटीन ,हेल्दी फैट और एंटी ऑक्सीडेंट्स होता है, इसलिए ये कई बीमारियों को दूर करने के साथ इम्युनिटी भी बढ़ाता है। बादाम ओवर इटिंग रोकने में हेल्प करता है क्योंकि इसमें मौजूद प्रोटीन और मिनिरल्स आपके पेट को देर तक भरा रखते हैं। बादाम हड्डियों और मसल्स को मजबूत बनाता है क्योंकि इसमें विटामिन डी, कैल्शियम और मैग्निशियम प्रचुर मात्रा में होता है। बादाम खाने से दिल संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। जिन्हें लैक्टोज और ग्लूटेन से एलर्जी है, उन्हें बादाम वाला दूध पीना चाहिए।
मांसहरी सब्जियों के सेवन से आपके बच्चे को कई विटामिन और मिनरल तो मिल जाते हैं, लेकिन उनके शरीर के लिए जरूर कुछ पोषक तत्व सिर्फ मीट में होते हैं। प्रोटीन, आयरन और जिंक की कमी को पूरा करने के लिए उनकी डाइट में मांस भी शामिल करें। मीट के सेवन से आपको कुछ विशेष प्रकार के फायदे मिल सकते हैं और इन फायदों की शाकाहारी आहार के साथ तुलना नहीं की जा सकती है। आजकल की बदली दिनचर्या और जीवनशैली के कारण हाई कोलेस्ट्रॉल, शुगर (मधुमेह), त्वचा से जुड़ी कई प्रकार बीमारियां सामने आई हैं। अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग मीट का सेवन नहीं करते हैं, उनमें अवसाद, चिंता और ईटिंग डिसऑर्डर जैसी न्यूरोट्रांसमीटर समस्याओं से पीड़ित होने की अधिक संभावना होती है।